• ठंडी जेटस्प्रे मालिश -
पानी का तापमान -
18 से 24 डिग्री सेल्सियस।मालिश की अवधि -
10 सेकंड से लेकर 3 मिनट तक।विधि -
उपचार शुरू करने से पहले मरीज को एक गिलास ठंडा पानी पीने की सलाह दी जाती है तथा पेट रक्षक पहनने की सलाह दी जाती है। 5 से 6 फीट की दूरी से जेट से निकलने वाली पानी की धार पहले शरीर के पिछली ओर लक्षित की जाती है।स्प्रे पैरों से शुरू करने के बाद ऊपर की ओर किया जाता है। इसके बाद शरीर के सामने वाले भाग का उपचार किया जाता है। छाती पर स्प्रे करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, बाहे आपस में मोड़ कर हाथ कंधे पर रख लेने चाहिए, जिससे हृदय और फेफड़ों का बचाव हो जाता है। चेहरे पर स्प्रे नहीं किया जाता।
लाभ -
ठंड जेट स्नान त्वचा की अति संवेदनशीलता (हाइपर एसथीसिया) का इलाज करने में सहायक है। इससे मांसपेशियों और जोड़ों में पुराने रूमेटिज्म की वजह से होने वाले दर्द में आराम मिलता है। पेट पर स्प्रे करने से पाचन तंत्र और अधिक क्रियाशील हो जाता है।इसे रक्तसंचार व परिपाचन में सुधार होता है तथा खून कम होने की स्थिति में मदद मिलती है इससे अनिद्रा व प्रमस्तिष्क की रक्त संकुलता से छुटकारा मिलता है, तंत्रिका व मांसपेशिय प्रणालियों को बल मिलता है और इसलिए यह लकवे के उपचार में भी सहायक है।
चेतावनी -
गर्भाशय, डिंबाशय, गुर्दे, पेट, जिगर, मूत्राशय व मलाशय में तथा अन्य सभी प्रकार की पुरानी सूजन होने पर ठंडा जेट स्नान नहीं करना चाहिए। जटिल रूमेटिज्म में भी यह स्नान नहीं करना चाहिए। धमनी-कठिन्य, ह्रदय संबंधी रोग, पुराने नेफ्राइटिस सरीखे गुर्दे के विकारों, गैस्ट्रिक अल्सर, त्वचा संबंधी रोग आदि से ग्रस्त मरीज को यह स्नान नहीं करना चाहिए।• न्यूट्रल जेट स्प्रे मालिश -
पानी का तापमान -
32 से 36 डिग्री सेल्सियस।मालिश की अवधि -
2 से 3 मिनट तक।विधि -
ठंडे जल स्नान की तरह ही होती है।लाभ -
पानी का तापमान अपने दबाव की वजह से शरीर के दर्द को दूर करने तथा बाह्य रक्त संचार के सुधार में सहायक होता है। यह मोटापे, अर्थराइटिस, स्पोंडिलाइटिस इत्यादि मामलों में भी काफी गुणकारी है।चेतावनी -
बुखार, हाई ब्लडप्रेशर, हृदय रोगों, खुले जख्मो तथा भारी कमजोरी वाले मरीजों की न्यूट्रल जेट स्प्रे मालिश नहीं करनी चाहिए।• गर्म जेट स्प्रे मालिश -
पानी का तापमान -
40 से 42 डिग्री सेल्सियस।मालिश की अवधि -
30 सेकंड से 5 मिनट तक किया जा सकता है।विधि -
ठंडे जेटस्प्रे की तरह पानी का तापमान शुरू में 40 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए तथा इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 42 डिग्री सेल्सियस कर देना चाहिए।लाभ -
गर्म जेट स्प्रे आम और अस्थाई दर्द, प्रराइट्स, पित्ती, पीलिया, न्यूराइस्थिनिया, थकान सर्दी आदि से राहत पाने की दृष्टि से उपयोगी है यह स्प्रे अधिक देर तक नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा को क्षति पहुंच सकती है।चेतावनी -
न्यू ट्राइजेक्ट स्नान किस संबंध में बरती जाने वाली सावधानियां इसमें भी आवश्यक होनी चाहिए बुखार, हाई ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को ऐसी मालिश से परहेज करना चाहिए।• अल्टरनेट जेट स्प्रे मालिश -
विधि -
इस मालिश के दौरान गर्म स्प्रे के बाद ठंडे पानी का स्प्रे किया जाता है घर में स्प्रे की अवधि 1 मिनट से 4 मिनट तथा ठंडे स्प्रे की अवधि 3 मिनट की होती है।लाभ -
यह स्प्रे सिया शियाटीका, रुमेटिज्म, गठिया तंत्रिकाओं की दुर्बलता मोटापा इत्यादि के उपचार में लाभकारी है इससे मांस पेशियों का तेज और पुराना दर्द दूर होता है तथा पेट पर स्प्रे करने से पेट की मांसपेशियां क्रियाशील हो जाती हैं।यह स्प्रे मेट्राइटिस जैसी पेल्विक रीजन की पुरानी रक्त संकुलता, डिंबाशय की रक्त संकुलता, नलियों की पुरानी सूजन आदि से छुटकारा दिलाने की दृष्टि से लाभकारी है इससे आसक्त मांस पेशियां भी सक्रिय होती हैं इस स्प्रे के इस्तेमाल से लंबेगो, गर्भाशय एवम् डिंबाशय की तंत्रिकाओं की दुर्बलता, गैस्ट्रिक अल्सर और कमर के पुराने दर्द से छुटकारा मिलता है।
प्रमस्तिष्क रक्त संकुलता की स्थिति में इस स्प्रे का पैरों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अस्थमा के मरीजों की जांघों व पैरों पर स्प्रे किया जा सकता है। यह पुरानी मांसपेशी रूमेटिज्म के लिए एक आदर्श उपचार है।
• सर्कुलर जेटस्प्रे मालिश -
विशेष रुप से बनाए गए उपकरण के पाइपों से पानी की कई लेकिन पतली पतली और तेज धाराएं सभी दिशाओं से निकलकर मरीज के शरीर पर पड़ने लगती है। विशेषकर लंबी अवधि में गर्म उपचार (जैसे भाप कक्ष में रहना) के बाद यह स्नान करने से तुरंत शीतलता और ताजगी देने वाला प्रभाव पड़ता है।इस स्नान की रक्त संचार पर प्रभावकारी प्रतिक्रिया होती है, जिससे त्वचा की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है। यह अरक्तता के उन मरीजों के लिए टॉनिक जैसा उपचार है, जो अपेक्षाकृत तंदुरुस्त है इससे मांसपेशियां भी सक्रिय होती हैं। इस उपचार की अवधि 2 से 5 मिनट है।
🙏 प्राकृतिक चिकित्सा उपचार पद्धति क्या होती है।
🙏 लपेट कम्प्रेस और सिकाई कैसे करें।
🙏 प्राकृतिक गर्म लपेट चिकित्सा जाने पूर्ण विधि व लाभ