मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर भाषण व अन्य प्रतियोगिताओं में संबंधित निबंध।
प्रस्तावना -
हृदय प्रदेश, सोया स्टेट, आदि उपनामों की ख्याति प्राप्त प्रदेश जिसे वर्तमान में मध्य प्रदेश के नाम से जाना जाता है। हर साल 1 नवंबर के दिन मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस साल 2021 में मध्य प्रदेश का 66 वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। यह पूर्व में स्थित मध्य भारत की कुछ रियासतों का मिलाजुला रूप है जिसे राज्य पुनर्गठन आयोग ने इसका वास्तविक स्वरूप प्रदान किया है।एवं भारत का सबसे बड़ा राज्य होने का गौरव भी इसे ही प्राप्त हुआ। लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाषा के आधार पर राज्यों की गठन की शैली के कारण मध्य प्रदेश से कुछ जिलों को निकालकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया। और 1 नवंबर सन् 2000 को हमारे सामने वर्तमान मध्य प्रदेश का स्वरूप सामने आया जब छत्तीसगढ़ अलग हुआ जिसमें वर्तमान जिलो की संखया 16 थी एवं मध्य प्रदेश में बचे जिलों की संख्या वापस 45 तक पहुंच गई है।
मध्य प्रदेश की वर्तमान जनसंख्या 7.5 करोड़ के आसपास है इस का राष्ट्रीय पशु भुर सिंह दा बारह सिंगा है जो मध्य प्रदेश का मैस्कॉट भी है एवं इसका राजकीय पक्षी दूध राज है।
मध्य प्रदेश की स्थापना -
26 जनवरी 1950 के भारत आजादी के बाद भारत के कुछ विशेष इलाकों में संविधान पूरी तरह से लागू हुआ जिसके बाद सन 1951 और 52 के बीच यहां आम चुनाव भी कराए गए।चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद यहां संसद और विधान मंडल भी कार्यशील हुए। आवश्यकतानुसार इन्हें विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया इसके साथ ही आगे चलकर सन 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग का जन्म हुआ जिसके अध्यक्ष- फजल अली थे।
इस आयोग के गठन की वजह यह थी कि आमजन से लेकर राजनेताओं तक यह बात सामने आ रही थी कि आम जनता के बीच काम करने वाला उनकी तरह सामान भाषी होना चाहिए यही कारण है कि राज्य पुनर्गठन आयोग ने राज्यों का गठन भाषाई आधार पर किया था।
और 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन कर दिया गया पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप मध्यप्रदेश राज्य में से कुछ भाग हटाए तो कुछ जोड़े भी गए इस तरह मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य बना इस समय मध्यप्रदेश में 8 संभाग एवं 43 जिले शामिल थे
सन् 1998 आते आते मध्य प्रदेश ने अपनी जरूरत के अनुसार जिलों की संख्या बढ़ाकर 61 तक कर लिया था।
परंतु अक्टूबर माह सन 2000 में मध्य प्रदेश से 16 जिलों को निकालकर छत्तीसगढ़ नाम के नए राज्य का निर्माण किया गया और इस तरह से मध्य प्रदेश में राज्यों की संख्या एक बार फिर 45 ही रह गई थी। एवं देश का सबसे बड़ा राज्य अब देश का दूसरा बड़ा राज्य बन गया था और उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर आ खड़ा हुआ।
मध्यप्रदेश के राजधानी -
राज्य के गठन के बाद सबसे बड़ी परेशानी यही सामने आ रही थी कि राज्य की राजधानी किस बड़े शहर को बनाया जाए।इस दौड़ में मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में कड़ी टक्कर हुई जिसमें ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, एवं आखिर में जबलपुर जैसे शहरों का नाम जोरो से उठा।
परंतु भोपाल शहर में सबसे ज्यादा सरकारी इमारतें होने और यहां के बढ़ते विरोध के कारण सरदार पटेल ने अंत में भोपाल शहर को मध्य प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया। यही वजह थी कि मध्य प्रदेश की राजधानी ना बन पाने की भरपाई स्वरूप जबलपुर में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की स्थापना की सौगात मिली।
मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा और प्रथम -
- प्रथम मुख्यमंत्री- पंडित रवि शंकर शुक्ल बने।
- प्रथम राज्यपाल- डॉ पट्टाभि सीतारमैया।
- प्रथम महिला राज्यपाल – सुश्री सरला ग्रेवाल। प्रथम महिला मुख्यमंत्री – सुश्री उमाभारती।
- प्रथम न्यायधीश- मो. हिदायतुल्ला।
- प्रथम विधान सभा अध्य्क्ष – कुंजी लाल दुबे।
- मध्यप्रदेश की सबसे लंबी नदी एवं यहां की जीवन रेखा कही जाने वाली नदी नर्मदा है जिसकी लंबाई 1312 किलोमीटर है। यह अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती हुई मध्य प्रदेश से बाहर गुजरात कि तरफ निकल जाती है।
मध्य प्रदेश में विशेष -
- मध्य प्रदेश में स्थित उज्जैन जिले में समय समय में सिंहस्थ कुंभ मेला आयोजित किया जाता है।
- 12 ज्योतिर्लिंग में से मध्यप्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग स्थित है।
- मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में देश विदेश तक प्रसिद्ध संगमरमर के पहाड़ों से सुसज्जित धुआंधार वाटरफॉल स्थित है।
- रीवा जिला सफेद शेर की भूमि के नाम से प्रसिद्ध है।
- मध्य प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध और एकमात्र हिल स्टेशन पंचमढ़ी है।
- यहां अनेकों परियोजनाएं कार्य कर रही है।
- अत्यधिक सोयाबीन उत्पादन के कारण मध्यप्रदेश को भी सोया प्रदेश का नाम मिला है।
- गेहूं उत्पादन के मामले में भी मध्य प्रदेश पंजाब से पीछे नहीं है।
मध्यप्रदेश में शिक्षा -
राज्य में भारत की विभिन्न बड़े शैक्षणिक संस्थानों ने भी अपनी जगह बनाई हुई है।भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) इंदौर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)भोपाल, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (IITTM) ग्वालियर, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय जबलपुर।
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में साक्षरता का स्तर 70-71% के आस पास है जिसमें 80% पुरुष एवं 60% महिलाओं की भागीदारी है।
यहां लगभग 250 एमबीए कॉलेज, 400 इंजीनियरिंग कालेज एवं 12 मेडिकल कॉलेज है जो देश की युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन देने का काम लगातार कर रही है।
उपसंहार -
मध्य प्रदेश अपने अस्तित्व में आने के साथ ही लगातार प्रगति की ओर क्रियाशीलता से आगे बढ़ रहा है लेकिन हमें भी उसकी प्रगति के लिए और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।यहां बड़ी-बड़ी हस्तियों ने भी जन्म लेकर मध्य प्रदेश का नाम ऊंचा किया है फिर चाहे हम बात तानसेन की करें या लता मंगेशकर की या फिर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की।
मध्य प्रदेश की और अच्छी प्रगति के लिए हमें कई नजरियों से सोचने की जरूरत है। प्रदेश में कृषि और पर्यटन से जुड़े कई और महत्वपूर्ण कार्य किए जा सकते है। फसलों में नई किस्मों और नई पद्धति को मौका दे कर हम अपनी खेती के तरीके को उन्नत बना सकते है। मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग का एक बड़ी संख्या में रहते है हमें उनकी और उनकी कला संस्कृति को संभाल कर रखना चाहिए।
मध्य प्रदेश अपने आप में ख़ास है यहां की कला और संस्कृति एवं ऐतिहासिक महत्व भी अनूठा है।
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