नोबल कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी है जो लोगो ने पहले ना देखा और ना सुना था हर कोई डर कर जीने को मजबुर हो गया था यह एक ऐसा विषय बन गया है जिसके बारे में जितना जाने उतना कम होता है खुद को और अपने साथ रहने वाले लोगों इस महामारी से बचा कर रखने और जागरूक रखने के के लिए इसकी पूरी जानकारी होना आवश्यक है।
इसी विषय के संबंध में अब स्कूलों और कॉलेज एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं में हमें निबंध लेखन के लिए यह निबंध मदद गार होगा।
Covid-19 |
प्रस्तावना -
नोबेल कोरोना वायरस या covid - 19 के आने की जानकारी पूरी दुनिया को दिसम्बर सन 2019 में चीन के वुहान शहर से दी गई थी।
चीनी विशेषज्ञों द्वारा सूचना दी गई कि लोगो में मलेरिया और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं कुछ समय बाद डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया गया। कोरोना वायरस का यह वायरस मानव बाल की तुलना में भी कई गुना छोटा होता है परंतु इसके प्रसार की छमता दूसरे वायरसओं की तुलना में कई गुना अधिक होती है। इसका प्रसार सार्वजनिक जगह पर चीजों को छूने, हवा द्वारा, चीटियों या कीड़े मकोड़ों द्वारा समान यहां से वहां ले कर जाने से भी होता है।
दिसंबर 2019 में चीन से शुरू हुए इस वायरस ने देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपनी जकड़ में ले लिया था विकसित देशों को भी कोरोना वायरस के सामने घुटने टेकने पड़े थे इस वायरस ने लाखों लोगों की जिंदगियां छीन कर पूरे विश्व में हाहाकार की स्थिति पैदा कर दिया था।
ऐसी स्थिति में पूरे विश्व के वैज्ञानिक इस वायरस का एंटीडोट बनाने की होड़ में जुट गए थे परंतु इतना जल्दी किसी भी नए वायरस का तोड़ निकालना जैसे नामुमकिन सा काम था।
यही कारण है कि अनेकों बड़े छोटे देशों ने कोरोना से जीत के लिए लॉक डाउन का रास्ता अपनाया था लॉक डाउन का मतलब ही था कि सब कुछ जैसा का तैसा रुक जाना दुनिया में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की जिंदगी में उनकी दिनचर्या सब कुछ जैसे थम गया था।
लोग अपने अपने घरों में कैद होकर रह गए थे दुनिया में शायद ही ऐसा माहौल कभी देखा था कि जब लोग अपने ही घरों से निकलने में डरने लगे थे। एक दूसरे से मिलने बात करने छूने वा अन्य कामों को करने से डरने लगे थे। बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया था बड़े भी अपने काम पर नहीं जा सकते थे दुनिया की 60% से अधिक आबादी जैसे बेरोजगार हो गई थी इस बीच कई लोगों ने भुखमरी जैसी मुसीबत का सामना भी किया होगा।
भारत में 30 जनवरी 2020 को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था जिसका शिकार होने वाली चीन से लौटी एक युवती थी इसके बाद धीरे धीरे भारत में भी कोरोना वायरस के कई मामले सामने आने लगे और देखते ही देखते स्थिति विकराल हो गई भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह बहुत ही चिंताजनक विषय था इस कारण से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 24 मार्च सन 2020 को 21 दिनों का पहला लॉकडाउन घोषित किया था और देखते ही देखते यह लॉकडाउन कुछ और दिनों तक बढ़ा दिया गया था स्थिति को काबू करने और कोरोना वायरस को हराने के लिए लॉकडाउन एक उत्तम विकल्प था लेकिन इसे कई दुष्प्रभाव भी सामने आए जैसे कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में एक बड़ी आबादी ऐसी भी है जो रोज कमाने और खाने वाली है। इन्हे अपने दो वक्त के खाने के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ा और पूरी तरह से सरकार व समाज सेवी संस्थाओं के उपर निर्भर होना पड़ा।
इस वैश्विक महामारी के दौर में भी लोगों ने संयम बरत कर खुद की और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की एवं हमारे देश के डॉक्टर और पुलिसकर्मियों ने अपनी ड्यूटी को पूरी सजगता से पूरा करते हुए कई लोगों की मदद की और उनकी की जान बचाई।
वर्तमान समय में भारत ने दो देसी वैक्सीन का निर्माण कर लिया है जो भारत सरकार द्वारा मुफ्त प्रदान की जा रही है।
शिक्षा पर covid -19 के प्रभाव -
Covid-19 का दुष्प्रभाव स्कूल से लेकर कॉलेज या बड़ी यूनिवर्सिटीस पर भी पड़ा है हम बात चाहे पहली क्लास के स्टूडेंट की करें या फिर चाहे वह PHD या IIT जाने वाला एक बड़ा स्टूडेंट हो शिक्षा सभी की बाधित हुई है।
भारत जैसा विकासशील देश जहां जनसंख्या में सबसे अधिक प्रतिशत युवाओं का हो जो स्कूल या कॉलेज में पढ़ने वाले हो तो, जरा एक बार सोच कर देखिए की ऐसी स्थिति में देश के युवाओं का शिक्षा के क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ होगा।
लगभग 1 साल तो सभी स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद रखे गए थे परंतु स्थिति को सामान्य करने के उद्देश्य से कुछ नए विकल्पों के तौर पर ऑनलाइन स्टडी पर जोर दिया गया है जहां बच्चे घर से बिना बाहर गए ही अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा सकते थे।
मगर सच्चाई तो यही थी कि कुछ बड़े संस्थानों को छोड़कर ऑनलाइन स्टडी का यह पैटर्न हर कोई फॉलो नहीं कर पा रहा था। बात करें अगर छोटे कॉलेज या फिर उन सरकारी स्कूलों की जहा ऐसी कोई सुविधा नहीं थी। इतना जल्दी तो टीचर्स भी ऑनलाइन पढ़ाने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए और देखते ही देखते हैं यह सारा पैटर्न तैयार करने के लिए कुछ वक्त गुजर गया।
अब ऑनलाइन स्टडी के लिए एक सुवधाजनक स्टडी पेटर्न तैयार कर लिया गया है जो की कई तरह के वीडियो कॉलिंग अपल्लिकेशन के माध्यम से संभव हो सका है जिसे लगभग हर एक स्कूल और कॉलेज फॉलो कर रहे हैं जहां बच्चों को लेसन टीचिंग, असाइनमेंट्स, और होमवर्क भी दिए जा सकते हैं वर्तमान समय में तो कई ऑनलाइन एग्जाम बी कंडक्ट कराए जा चुके हैं।
परन्तु इन सब के बीच बड़ा सवाल यही है कि क्या भारत का हर छात्र ऑनलाइन स्टडी के की सक्षम है भारत में अभी भी कई परिवार ऐसे हैं जहां स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है या फिर पूरे परिवार के बीच सिर्फ एक ही स्मार्टफोन है ऐसी स्थिति में हर बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई करने की स्थिति में नहीं आ सकता हैं।
पढ़ाई की गुणवत्ता को लेकर भी एक बड़ा सवाल उठ रहा है की जब बच्चे स्कूल जाकर पढ़ते हैं। तब भी किसी क्लास का रिजल्ट 100% नहीं बनता फिर ऑनलाइन पढ़ाई की गुणवत्ता का स्तर किस तरह मापा जाएगा।
ऑनलाइन स्टडी होने के बावजूद भी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों द्वारा स्कूलों की फीस में किसी तरह की कमी नहीं की गई है इसका सबसे बड़ा असर उन गरीब तबके के परिवारों को झेलना पड़ा है जो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल का खर्चा किसी तरह झेल रहे थे अब उनके लिए स्मार्टफोन और उसके रिचार्ज का खर्चा जुटाने की एक नई जिम्मेदारी और जुड़ गई है।
कम उम्र के बच्चों में स्कूल न जाने की वजह से उनका पुराना पड़ा हुआ सिलेबस भूल जाने की समस्या सामने आ रही है जिसकी वजह से उन्हें आगे की कक्षाओं में कई दिक्कतें हो रही हैं।
बच्चो में स्मार्टफोन का उपयोग एक चिंता का विषय भी है जरूरत से ज्यादा स्मार्ट फोन यूज करने से बच्चों की आंखों पर जोर पड़ने का खतरा होता है इसके साथ ही बच्चे एक या 2 घंटे की क्लास के बाद मोबाइल का किस तरह से उपयोग कर रहे हैं इसका खास ध्यान रखना जरूरी होता है।
भारत में कोविड-19 के सामाजिक प्रभाव (कोविड-19 में लॉक डाउन के अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव/Covid-19 advantages and disadvantages of lock down) -
भारत में कोरोना के डर से अजीब तरह के अच्छे और बुरे दोनों सामाजिक बदलाव देखने को मिला है।
अनुकूल प्रभाव -
कई समाजसेवी और समाज सेवी संगठन सामने आए जिन्होंने जरूरतमंद लोगों की इस मुसीबत के समय पर भी अपनी जान से खेल कर मदद की है।
पुलिस कर्मी भी सामाजिक कार्यों के लिए सामने आए दिन और रात एक कर उन्होंने लोगों के लिए काफी अच्छे कार्य किए है। लोगों के घर राशन पहुंचाने से लेकर लोगों को सचेत करने तक इन्होंने अपनी ड्यूटी समझ कर काम किया, कई पुलिसकर्मियों ने इस महामारी के दौर में अपनी जान भी गवा दी है।
इसी तरह हम सभी ने भारत के मेडिकल स्टाफ डाक्टर व नसों का योगदान भी देखा है जिन्होंने बिना रुके लगातार अपने कर्तव्य को पूरा किया।
कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने अपने आसपास के बुजुर्गों की मदद की उनके लिए बाहर से और मौजूदा जरूरी सामान उन तक पहुंचा कर उन्हें सुरक्षित रखा।
Covid-19 के इस दौर में डिजिटल पेमेंट का चलन भी काफी बड़ा है।
प्रतिकूल प्रभाव -
कोरोना के इस दौर में हमने देखा है कि लोग अपने आपसी रिश्तो में भी मत भेद करने लगे थे एक दूसरे से बात करने से भी डरने लगे थे।
आसपास जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो लोग दुख कर समय समझ कर उसे हर संभव मदद प्रदान करने जाते थे। परंतु कोरोना के इस महामारी भरे समय में लोग मदद करने की जगह ऐसे हालत से दूर भागते नजर आते थे।
हम सभी ने देखा है कि कोरोना काल में इंटरनेट में एक नई तरह की क्रांति आ गई है जहां पेमेंट करने से लेकर अन्य कई चीजों की सुविधा भी ऑनलाइन उपलब्ध हो गई है। लेकिन इस बात का फायदा उठाकर कई तरह के फ्रॉड भी लोगों को लूटने पर आमादा हो गए थे।
कोरोना वायरस से बचने के उपाय पर निबंध -
- बाहर से आने के बाद साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
- मास्क का उपयोग करना चाहिए।
- किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को सैनिटाइजर से अच्छी तरह साफ करना चाहिए।
- पब्लिक प्लेस में 2 गज की दूरी का पालन करना चाहिए।
- सर्दी खांसी यह सांस लेने में तकलीफ होने पर विशेषज्ञ सलाह अवश्य लेना चाहिए।
- अगर आपकी तबीयत कुछ ठीक ना लगे तो सबसे पहले हमें खुद को क्वारिंटीन कर लेना चाहिए।
- इम्यूनिटी मजबूत हो ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए, हो सके तो नियमित काढ़ा पीना चाहिए।
- सरकार द्वारा उपलब्ध वैक्सीन की दोनों डोज लेना चाहिए।
- सिगरेट , शराब और तंबाखू से बने उत्पाद का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बाहर का खाना व फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए घर का बना साफ और हैजेनिक खाना खाना चाहिए।
उपसंहार -
बदलाव प्राकृति का नियम होता है। कोरोना काल में मानव प्रजाति ने कई अहम सबक सीख लिए है। हमे प्राकृति ने सिखाया है कि उसके द्वारा बनाए हुए नियमो को तोड़ना कितना घातक होगा। जहा covid-19 ने दुनिया भर में लाखो लोगो को अपनी चपेट में लेकर हमे साफ सफाई और सही खान पान का सबक सिखा कर अपनी गलतियों को सुधारने का मोका दिया है।
यह भी पढ़े 👉
हमें पूरी आशा है कि onlinehitam द्वारा लिखे गए लेख आप सभी पाठको को पसंद आ रहे होंगे।
आप अपने सुझाव हमे कमेंट कर जरूर बताए।
Tags:
Essay