हिन्दू धर्म और रीतिरिवाज सदियों से हमारे समाज द्वारा अपनाई जाने वाली अपनाई जा रही प्रथा है। इन्हीं प्रथाओं में से एक है दशहरा जो हम सभी हिन्दू धर्म के लोग बड़ी ही खुशी से मनाते है।यह पर्व हमें कई अच्छी सीख भी देती है।
आज के online hitam के इस पोस्ट में हम आपको दशहरा के निबंध के माध्यम से जानकारी देंगे।
प्रस्तावना -
त्योहारों व मान्यताओं का देश भारत जहां प्रत्येक त्यौहार का एक अपना महत्व होता है एक अपनी कहानी होती है हर एक कहानी से हमें कोई अच्छी सीख भी मिलती है।
इसी तरह भारत में कुछ बड़े त्योहारों में से एक है दशहरा जिसकी तैयारियां दशहरा आने के 10 दिन पहले से दुर्गा पूजा के रूप में ही शुरू हो जाती हैं या यूं कहें कि भारत में दशहरा का त्यौहार दुर्गा पूजा से शुरू होकर दशहरा के दिन खत्म होता है। यह हर साल अक्तूबर महीने या इसके आस पास ही मनाया जाता है। और इसके लगभग आधे महीने बाद दीवाली का आगमन होता है जो कि भगवान राम से जुड़ा हुआ, उनके जीवन का अगला भाग दर्शाता है।
दशहरा के पहले 9 दिनों को हम सभी दुर्गा पूजा के रूप में मनाते हैं जहां देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है प्रत्येक दिन प्रत्येक देवी के नाम से निश्चित होता है एवं भक्त पूरे 9 दिन तक पूर्ण भक्ति भाव के साथ देवी को प्रसन्न करते हैं एवं दसवां दिन विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है जिसे बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने दुनिया को अत्याचारी एवं ज्ञानी रावण के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी एवं अपनी अर्धांगिनी (पत्नि) देवी सीता को रावण की कैद से मुक्त करवाया था। प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण में हमें रावण, सूर्पनखा, भगवान श्री राम, भगवान लक्ष्मण, माता सीता, एवं श्री संकट मोचन हनुमान एवं अन्य लोगों का पूरा विस्तार से वर्णन मिलता है।
दशहरा कब है -
इस साल यानी कि सन् 2021 का दशहरा अश्विनी माह यानी कि 15 अक्टूबर को होगा।
दशहरे का महत्व -
आयुध पूजन हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष अश्विनी मांह की दशमी तिथि को मनाया जाता यह भारत के लगभग सभी भागों में मनाया जाता है बस जगह जलवायु के अनुसार मान्यताएं थोड़ी बहुत बदल जाती हैं। लेकिन हर हाल में दशहरे के त्यौहार को सत्य की असत्य पर जीत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसे हिन्दू पंचांग के अति शुभ दिनों में से एक माना जाता है।
दशहरे पर विभिन्न आयोजन -
- यह तो जगत विख्यात है कि दशहरे के दिन दशानन का वध श्री राम ने किया था।
- जगह जगह पर रावण की बड़ी और विशाल दस सिरों वाले पुतले को स्थापित किया जाता है।
- कई जगहों पर राम लीला का भी आयोजन मंचन भी होता है तो कई जगह चंडी पाठ करवाया जाता है।
- रावण के पुतले के आस पास मेले का आयोजन भी किया जाता है जहा बच्चो के मनोरंजन के लिए झूले एवं बहुत सरी खाने पीने की दुकानें सजती है।
- सदियों से क्षत्रिय वर्ग के बीच दशहरे के दिन अपने हथियारों की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
- नव रात्रि में गरबा खेला जाने की खास परम्परा गुजरात में काफी प्रचलित है।
दशहरे की मान्यताएं एवं कहानियां -
दशहरा, विजयदशमी के दिन क्षत्रिय खास तौर से अपने हथियारों का पूजन करते है।
मा दुर्गा के बारे में प्रचलित है कि इन्होंने महिषासुर से दस दिन और नव रात्रि का युद्ध किया और अंत में इसका वध किया।
इस दिन किसानों द्वारा बीज बोना और व्यापारियों द्वारा नया काम शुरू करना शुभ माना जाता है।
आज ही के दिन रण यात्रा की शुरुआत की जाती थी।
विजयदशमी के दिन रावण के दस सिरों के साथ समाज की दस बुराइयों पाप, काम, क्रोध,लोभ, मोह, मद,मत्सर, अहंकार,हिंसा,चोरी आदि का भी अंत होने की प्रार्थना की जाती है।
उपसंहार -
विजयदशमी को दशानन रावण के वध के साथ ही अच्छाई की जीत के लिए खास माना जाता है कहां जाता है कि भगवान श्रीराम ने 9 दिनों तक देवियों के 9 रूपों की पूजा कर रावण को मारने का तरीका उनसे आशीर्वाद स्वरूप प्राप्त किया था।
भगवान राम द्वारा रावण के अंत के साथ ही रावण के दस सिरो जैसी लोभ,मोह, काम,क्रोध, इष्या आदि बुराइयों का अंत होना मना जाता है।
लोग दशहरा के दिन मीठा पान खाते है।
बदलते समय के साथ लोग हमारे पुराने रिवाज को भूलते जा रहे है अपने जान पहचान व रिश्तेदारों के घर जा कर बधाई देने का प्रचलन तो जैसे समाप्त ही हो गया है अब इंटरनेट और मोबाइल का तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण लोग दोस्तो और रिश्तेदारों को कॉल, मैसेज कर बधाइयां देते है।
Covid-19 में दशहरा कैसे मनाए -
यह तो हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 की बीमारी उन्हें बोलने स्वच्छता ना रखने के कारण फैलती है यही कारण है कि हमें अपने त्योहारों को मनाते हुए 2 गज की दूरी यह बनाए रखनी चाहिए अजनबी से ज्यादा बात या मेल जो नहीं बढ़ाना चाहिए केवल अपने परिवार एवं करीबी रिश्तेदारों के साथ ही घूमना चाहिए।
दशहरा में लगने वाला मेला विशेष रूप से बच्चों में आकर्षण का केंद्र होता है बच्चे मेले में स्थापित ऊंची और लंबी रावण के पुतले को देखकर चकित होते हैं और रावण के वध का इंतजार करते है।
दशहरे पर 10 लाइन (निबंध) -
- हिन्दू पंचांग की अश्विनी माह की शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को हम सभी दशहरा के रूप में मनाते है।
- पहले राजा महाराजा विजयदशमी को रण दौड़ के रूप में मनाते थे।
- क्षत्रिय वर्ण अपने हथियारों की पूजा करते है।
- लोग दूर दुर से दशहरा घूमने अलग अलग स्थानों पर जाते है।
- बंगाल में दशहरा के पहले नौ दिनों को बडी ही धूम धाम से मनाया जाता है, यहां आपको कई विदेशी लोग भी देवी दुर्गा के भव्य पूजन में शामिल नजर आ जाएंगे।
- दशहरे के दिन पूर्णता अवकाश होता है जिससे सभी इस त्यौहार को पूरी तरह से बना सकें।
- दशहरे का त्यौहार भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है।
- इस दिन रावण के साथ साथ उनके दो भाइयों कुंभ कर्ण और मेघनाथ के पुतले भी जलाए जाते है।
- मलेशिया, बांग्लादेश व नेपाल में भी दशहरा मनाया जाता है। इनमे से मलेशिया और भारत में सरकारी अवकाश दिया जाता है।
- इस दिन लोग मीठा पान खाना शुभ मानते है।
- यह त्योहार हमें संकेत देता है कि मनुष्य को कभी भी अहंकारी नहीं होना चाहिए।
- दशहरा के पहले नौ रातो में देवी दुर्गा के अलग अलग नौ रुपो को पूजा जाता है व कई जगह पंडालों में माता की मूर्ति स्थापित की जाती है।
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