अब से कुछ समय पहले तक हम सभी मेटा शब्द को HTML भाषा के सिर्फ एक टैग के रूप में जानते थे लेकिन अब सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनियों में से एक फेसबुक ने अपना नाम बदलकर मेटा (meta) कर लिया है। फेसबुक कंपनी के मालिक मार्क जकरबर्ग ने 29 अक्टूबर गुरुवार की रात अपने सालाना कॉन्फ्रेंस में आयोजन के दौरान इसकी घोषणा कर दी है।
Meta |
फेसबुक के फाउंडर और सीईओ (CEO) ने बताया कि अब फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की पैरंट कंपनी के रूप में मेटा को जाना जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अब उनका लक्ष्य ' फेसबुक फर्स्ट ' की जगह ' मेटावर्स फस्ट ' होगा। हालांकि इससे फेसबुक, वहाट्सएप और टि्वटर के काम करने के तरीके पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और ना ही कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि सन् 2004 से 17 साल बाद कंपनी का नाम बदल कर मेटा करने के पीछे उनका आशय यह है कि, अब वे मेटावर्स यानी कि वर्चुअल वर्ल्ड की तरफ अपना कदम आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
वह अपने भविष्य के लक्ष्य की तैयारी की शुरुआत कर रहे हैं। संभावना है कि कंपनी एक ऐसा वर्चुअल वर्ल्ड डिजाइन करना चाहती है जिसमें कि आप घर बैठे ही एक अलग दुनिया में अपने अलग रूप के साथ चल सकेंगे घूम कर सकेंगे यहां तक कि अपने जान पहचान के लोगों से बात भी कर सकेंगे इसमें ठीक ऐसा ही फील होगा जैसे कि आप आमने सामने बैठ कर बातें कर रहे हैं।
और आगे अगर सोचा जाए तो यूं समझिए कि अगर आप किसी बड़ी दुकान या मॉल में जाकर घूम रहे हैं, उसी समय आपको कोई चीज पसंद आ जाती है। उसी वर्चुअल वर्ल्ड में अगर आप उस चीज को खरीद लेते हैं तो उसकी डिलीवरी असल दुनिया में आपके घर तक की जाएगी।
हालांकि इसमें कई तरह के अपवाद भी शामिल है जैसे सबसे बड़ा सवाल प्राइवेसी का है जिस पर आज भी बहस होती है और शायद आगे भी होगी जब तक इसका कोई ठोस हल नहीं निकाला जाता।
मेटावर्स क्या मतलब होता है? मेटा शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई -
मेटा (meta) इस शब्द की वास्तविकता ग्रीक शब्दावली से जुड़ी हुई है जिसका अर्थ होता है।'बियॉन्ड' या निरंतर आगे बढ़ना या बढ़ते रहना।
1992 में नील स्टीफेंस एक अमेरिकन लेखक द्वारा लिखित साइंस फिक्शन नॉवेल में मेटावर्स की कल्पना की गई थी।
मेटा वर्स का उद्देश्य -
वर्तमान समय में हम सभी फेसबुक के कई फीचर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें अपनी जान पहचान मित्र या सगे संबंधियों के साथ फोटो शेयर करना वीडियो कॉल करना चैटिंग करना आदि शामिल है लेकिन अब फेसबुक ने अपनी पैरंट कंपनी का नाम बदलकर मेटा वर्ष करने के साथ-साथ अपना उद्देश्य भी बदल दिया है का सीधा सा मतलब यह भी हो सकता है कि आने वाले वक्त में हमें इसकी कई अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिल सकता है।जिसमें वर्चुअल गेमिंग शॉपिंग आदि शामिल होगा यह एक अलग वर्चुअल दुनिया की तरह होगी जो हमारी रियल लाइफ से जुड़ी होगी हालांकि एक्सपर्ट्स के अनुसार अभी इस टेक्नोलॉजी के रियल लाइफ यूज में शुरू होने के लिए अभी लगभग 10-15 साल का वक्त भी लग सकता है।
मेटा से होने वाला असर -
बताया जा रहा है कि अब मेटा डॉट कॉम (meta.com) ही हमें फेसबुक के लॉगइन पेज तक रीडायरेक्ट करेगा यही नहीं बल्कि जल्दी ही फेसबुक के शेयर्स की ट्रेडिंग भी Fbकी जगह MVRS से शुरु हो जाएगी।