दुनिया अजूबों से भरी पड़ी है प्रकृति के द्वारा बनाए गए कई ऐसे अजूबे भी हैं जिन्हें देखकर हम आज भी हैरान रह जाते हैं। आज हम आपको onlinehitam के इस पोस्ट में ऐसे ही एक अजूबे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे हम सभी बैलेंसिंग रॉक नाम से जानते हैं।
बैलेंसिंग रॉक मदन महल (Madan Mahal Balancing Rock) -
बैलेंसिंग रॉक (Balancing rock) को संतुलित शीला के नाम से भी जाना जाता है। जो पूरे विश्व में अपने अनोखे आकार व बनावट के लिए फेमस है।
यह बैलेंस रॉक एशिया स्थित तीन बैलेंसिंग रॉक में से एक है इसके साथ ही आपको यह जानकर भी खुशी होगी कि अन्य दो बैलेंसिंग रॉक भी भारत में ही स्थित हैं। यह बैलेंसिंग रॉक जबलपुर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है जोकि मदन महल की पहाड़ी में स्थित है।
यह अपने आप में एक अनोखी चट्टान है जो महज अपनी बनावट और फॉर्मेशन के कारण प्रसिद्ध है। इसकी प्रसिद्धि का खास कारण यही है कि कई टनों वजनी चट्टान होने के बाद भी यह सिर्फ कुछ इंच के आधार में टिकी हुई है।
हर साल बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock) को देखने के लिए यहां हजारों लोग आते हैं कुछ लोग तो शहर के बाहर से सिर्फ इस चट्टान को देखने के लिए आते हैं।
यहां घूमने आने वालों में ज्यादातर संख्या कॉलेज स्टूडेंट्स और युवाओं की होती है जोकि इस अनोखी चट्टान को देखकर जितना हैरान होते हैं उतना ही खुश भी होते हैं कोई इसे हिलाने की कोशिश करता है, तो कोई इसके साथ सेल्फी लेता है। सालों से यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है इसके बारे में जो भी सुनता है इसे देखे बिना यकीन नहीं कर पाता आस पास के लोगों में कोई इसे विज्ञान का चमत्कार तो कोई से माता का आशीर्वाद मानता है।
बैलेंसिंग रॉक का वैज्ञानिक दृष्टिकोण(Scientific Facts Of Balancing Rock Madan Mahal) -
कई बार बैलेंसिंग रॉक की जांच वैज्ञानिकों द्वारा भी की गई है लेकिन कोई भी इसकी पुख्ता वजह नहीं बता पाया वैज्ञानिकों की माने तो -
- बैलेंसिंग रॉक कुदरत द्वारा की गई कारीगरी का अटूट नमूना है।
- यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि गुरुत्वाकर्षण का कमाल है। कई अन्य वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ग्रेनाइट पत्थर है। जो बहुत ही मजबूत होते हैं विज्ञान की भाषा में ऐसी बनावट को ग्रेनाइट बॉक्स भी कहा गया है। जिसका निर्माण ज्वालामुखी से होता है।
- सदियों से यह चट्टान इसी तरह से टिकी हुई है जिसने प्रकृति के कई स्वरूपों को भी झेला है बड़े भूकंप के झटके भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाए।
- 1997 में आए 6-7 रिक्टर स्केल भूकंप से भी
- बैलेंसिंग रॉक में थोड़ा भी फर्क नहीं आया और यही बात सभी को हैरान कर देती है।
रानी दुर्गावती का किला मदन महल (Madan Mahal Rani Durgavati Fort) -
यहां बैलेंसिंग रॉक के अलावा मदन महल की पहाड़ियों पर स्थित एक किला भी है जो 11 वीं शताब्दी के अस्तित्व को दर्शाता है। इसके अलावा यह किला प्रसिद्ध गोंड रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ है। रानी दुर्गावती गोंड वंश की एक बहादुर रानी थी।
शारदा माता मंदिर मदन महल (Madan Mahal Sharda Temple) -
मदन महल की पहाड़ियों में एक बड़ा और प्राचीन शारदा मंदिर भी है जहां के बारे में लोगों का कहना है कि पहले यहां माता शारदा के दर्शन के लिए शेर भी आया करते थे। यहां नवरात्रि में काफी अधिक भीड़ भी होती हैं।
बैलेंसिंग रॉक मदन महल कैसे जाए (How To Come Balancing Rock Madan Mahal) -
बैलेंसिंग रॉक मदन महल की पहाड़ि पर स्थित है पहले मदन महल का यह हिस्सा शहर से थोड़ा दूरी पर था पर अब बढ़ते शहरीकरण के कारण यह हिस्सा भी सहर के मुख्य मार्ग से जुड़ गया है जो शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन से मात्र 5 या 6 किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल कालेज रोड में स्थित है।
अगर आप बैलेंसिंग रॉक घूमने की सोच रहे हैं तो ज्यादा किसी प्लानिंग की जरूरत नहीं होगी यहां तक आने के लिए आपको मेट्रो बस, ऑटो और टैक्सी बड़े ही आराम से मिल जाएंगी लेकिन मैन रोड से आपको कुछ मीटर मदन महल पहाड़ी की तरफ चल कर जाना पड़ेगा। और यदि आप खुद के वाहन से यहां तक आने की सोच रहे हैं तो धबराए नहीं यहां सुव्यवस्थित पक्की सड़कों का भी निर्माण किया गया है।
यह भी पढ़े 👉
हमें पूरी आशा है कि onlinehitam द्वारा लिखे गए लेख आप सभी पाठको को पसंद आ रहे होंगे।
आप अपने सुझाव हमे कमेंट कर जरूर बताए।
Tags:
Tourist place