भेड़ाघाट [Bhedaghat] -
मान लेते है कि - अब तक आमतौर पर हमें से अधिक लोगों ने संगमरमर से बनी कलाकृतियां एवं मूर्तियां देखी होंगी और ताज महल जैसे भव्य महल भी देखे होंगे परंतु क्या हमने से अधिक लोगों ने संगमरमर मार्बल के पहाड़ और उनके बीच निकलता धुआंधार जैसा वाटरफॉल देखा होगा।
यही नहीं यहां हम अपने हाथों से इन बड़े मार्बल के पहाड़ों को छूकर महसूस कर सकते हैं। इनके बीच शांत भाव वाले पानी में नाव की मदद से जाकर उनकी भव्यता और विशालता को महसूस कर सकते हैं यकीन मानिए जब आप 100 मीटर ऊंची मार्बल की पहाड़ियों के बीच नाव की यात्रा कर रहे होंगे तो आपको वहां जितनी शांति और सुकून होगा वो कहीं और महसूस नहीं हुई होगा।
इसके साथ यहां का प्रसिद्ध धुआंधार वॉटरफॉल जो अपने आप में अनूठा है। तेज बहाव से गिरता हुआ नर्मदा जल जब मार्बल के पहाड़ों से टकराता है तो पानी की छोटी छोटी बूंदें उड़ती है जो दूर से धुएं की तरह लगती हैं यही कारण है कि इसे धुआंधार वॉटरफॉल कहा जाता है।
भेड़ाघाट के पर्यटन स्थल व भेड़ाघाट का धुआंधार वाटरफॉल [Bhedaghat Turist Places And Bhedaghat's Dhuandhar
Waterfall] -
- मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी का मुख्य भाग मध्यप्रदेश में ही है। जबलपुर एवम् भेड़ाघाट से भी नर्मदा नदी अपना रास्ता बनाती हुई आगे बढ़ गई है और अपने पीछे हम सभी के लिए छोड़ गई है कुछ मनोरम और अनोखे दृश्य।
- कहा जाता है कि यहां नर्मदा के जल में पावनगंगा की धारा मिलती है जिसके कारण यहां का नाम भेड़ाघाट रखा गया था। एक अन्य धारणा यह भी कहती है। कि प्राचीन काल में यहां ऋषि भृगु रहा करते थे। जिनके नाम पर भेड़ाघाट का नाम रखा गया।
- भेड़ाघाट अपनी संगमरमर चट्टानों, अनेकों झीलों एवं सौंदर्य के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। शाम के समय यहां का दृश्य और भी खास हो जाता है एवं यहां वोटिंग करने पर एक अलग अनुभव होगा।
- संगमरमर की चट्टानों के बीच से होता हुआ तेज प्रवाह का नर्मदा जल अपनी 30 मीटर ऊंचाई से गिरने के कारण छोटी बूंदी उड़ाता है जो दूर से धुंध की तरह दिखाई पड़ती हैं यही कारण है कि इसे भी धुआंधार वाटरफॉल कहा जाता है।
- धुआंधार जलप्रपात से लगभग 10-15 किलोमीटर आगे ही मार्बल रॉक्स नाम का स्थान आता है जहां आप बड़े मार्बल के पहाड़ों के बीच नर्मदा के शांत जल में प्रकृति का मज़ा ले सकते है।
- मार्बल रॉक्स के और आगे चलने पर हमें बंदर कूदनी नामक जगह का पता चलेगा जहां मार्बल के दो पहाड़ आपस में इतने पास और सटे हुए हैं, कि बंदर यहां से एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ में छलांग लगाया करते थे। और यही कारण है कि इसका नाम भी बंदर कूदनी पड़ गया।
- यहां पास में ही आपको 10 वीं सदी से संबंधित मां दुर्गा का 64 योगिनी मंदिर भी मिलेगा जहां आपको माता दुर्गा के 64 रूपों के दर्शन होंगे।
- इसके अलावा आप यहां की केबल कार का भी मजा ले सकते हैं जोकि धुआंधार वाटरफॉल के ठीक ऊपर से होती हुई जाती है।
- धुआंधार जलप्रपात को मई 2021 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर के रूप में सम्मिलित किया।
- भेड़ाघाट नर्मदा महोत्सव हर साल भेड़ाघाट में नर्मदा महोत्सव आयोजित किया जाता है जिसमें बॉलीवुड की प्रसिद्ध हस्तियां एवं गायकों को भी आमंत्रित किया जाता है यहां नाच गायन आदि की प्रस्तुति भी की जाती है।