राष्ट्रीय ध्वज (Natinal Falg) हर कंट्री के लिए एक सूचक होता है। उनकी आजादी (Indipendenc)का यह हमें एहसास दिलाता है कि हम उस देश के स्वतंत्र नागरिक है।
Onlinehitam के इस पोस्ट में हम India के नैशनल फ्लैग के बारे में जानेंगे। यह Essay Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9 एवं Collage की निबंध प्रतियोगिता व भाषण के लिए उपयोगी होगा।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा |
राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध 200 शब्दों में (Essay On National Flag Of India in Hindi On 1000 words)
प्रस्तावना -
प्रत्येक देश का अपना एक अलग राष्ट्रीय ध्वज होता है जो उनकी स्वतंत्रता को दर्शाता है। यह देश का प्रतिनिधित्व करता है भारत का राष्ट्रीय ध्वज को हम सभी तिरंगे झंडे के नाम से जानते हैं। भारत के राष्ट्रीय ध्वज के निर्माता पिंगली वेंकैया है जिन्होंने अपने गहन अध्ययन और परिश्रम के बाद भारत की राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया।तिरंगा झंडा भारत की अखंडता और एकता को दर्शाता भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है क्योंकि यह तीन रंगों से मिलकर बना है जिसमें सबसे ऊपर केसरिया रंग बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग होता है तथा झंडे के बीच में अशोक चक्र भी होता है जिसे सम्राट अशोक के अशोक स्तंभ से लिया गया था। केसरिया रंग वीरता के लिए सफेद रंग शांति के लिए और हरा रंग हरियाली व समृद्धि को दर्शाता है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता सन् 26 जनवरी 2002 के बाद भारत की आम जनता को भी राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार प्राप्त हुआ है आप सभी को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी तरह से भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। हमारे राष्ट्रीय ध्वज की बनावट 3:2 की लंबाई एवं चौड़ाई में होता है।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे झंडे पर 1000 शब्दों में निबंध (Essay on National Flag Of India In Hindi On 1000 words)
प्रस्तावना -
किसी भी देश का राष्ट्रीय ध्वज उस देश की आजादी का प्रतीक माना जाता है। हर एक देश का अपना एक अलग राष्ट्रीय ध्वज होता है जो उस देश द्वारा अपनाया गया होता।राष्ट्रीय ताज केवल एक झंडा ही नहीं होता बल्कि या उस देश के नागरिकों को एक पहचान प्रदान करता है और में राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करता है उन्हें माला में पिरोए गए मोतियों की तरह एक सूत्र में पिरो कर रखता है।
राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास -
स्वतंत्रता संग्राम पूरे जोरों पर था तब से लेकर तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार करने तक कई बार राष्ट्रीय ध्वज की माग होती रही है।सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीने कांग्रेस के सामने सन 1921 को राष्ट्रीय ध्वज की बात रखी। तत्पश्चात पिंगली वेंकैया द्वारा भी राष्ट्र ध्वज की संकल्पना दर्शाई गई जिसके बाद 22 जुलाई 1947 को तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप भारतीय संविधान सभा की बैठक में स्वीकार किया गया था।
राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण कर्ता -
भारत के राष्ट्रीय झंडे के निर्माण कर्ता पिंगली वेंकैया थे 1916 से 1921 तक वे लगातार विभिन्न देशों की झंडों का बारीकी से अध्ययन करते रहे और इसी कड़ी में उन्होंने लगभग 30 देशों के झंडों का अध्ययन किया तत्पश्चात उन्होंने सन 1921 को वर्तमान भारत का झंडा बन कर तैयार हुआ।लेकिन तिरंगे का निर्माण करना इतना आसान भी नहीं था जितना कि सुनने में लग रहा होगा इसके पहले भी उन्होंने दूसरे झंडों का निर्माण किया था लेकिन हर बार इनमे कुछ कमी महसूस होती थी लेकिन अपने निरंतर प्रयासों की वजह से इन्होंने आखिर एक ऐसे राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया जो संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
राष्ट्रीय ध्वज का महत्व एवं मायने -
भारत का राष्ट्रीय ध्वज जिसे हम सभी तिरंगा भी कहते हैं। इसमें मिले हुए 3 रंगों के कारण ही इसे तिरंगा भी कहा जाता है। जो अपने आप में संपूर्ण भारत भारत में बसने वाले भिन्न भिन्न जाती व धर्म के लोगो का प्रतिनिधित्व करता है।इस तरह के झंडे के निर्माण की कल्पना पिंगली वेंकैया ने की थी भारत का राष्ट्रीय ध्वज अपने आप में दार्शनिक एवं धार्मिक दोनों ही भाव समेटे हुए हैं।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रंग और परिभाषा -
हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारी शान है हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज एवम् इसके रंग हमारे देश की सोच को दर्शाते है। यह हर एक रंग का अपना एक अलग अस्तित्व और अलग महत्व है इसके अलावा भारत से राष्ट्रीय ध्वज के बीचो बीच अशोक चक्र भी विद्यमान है।केसरिया -
तिरंगे के सबसे ऊपरी हिस्से ने केसरिया रंग होता है। जोकि बहादुरी का प्रतीक माना जाता है इस रंग को भारत की स्वतंत्रता के लिए प्राण निछावर करने वाले वीर सपूतों के लिए भी जाना जाता है।सफेद रंग -
हमारे राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया से नीचे और तीनों रंगों में बीचो-बीच का रंग सफेद दिखाई पड़ता है जोकि शांति का प्रतीक है।हरा रंग -
हरा रंग हरियाली खुशहाली का द्योतक माना जाता है।अशोक चक्र -
हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बिना अशोक चक्र के पूर्ण नहीं हो सकता यह हमारे तिरंगे के बीचो बीच स्थित है। एवं इसमें 24 तीलियां या धारियां होती है यह चिन्ह हमारे विशाल इतिहास को दर्शाता है जिसे सम्राट अशोक के अशोक स्तंभ से लिया गया है।राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगे) की बनावट -
तिरंगे झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता है। राष्ट्रीय ध्वज हमेशा खादी के कपड़े का बना होना चाहिए। ध्वज के बीच वाले सफेद हिस्से में गहरे नीले (ink Blue) रंग का अशोक चक्र होता है जिसमें 24 तीलियां होती है।राष्ट्रीय ध्वज संहिता -
राष्ट्रीय ध्वज संहिता का मतलब है कि तिरंगे के सम्मान में बनाए गए नियम, 26 जनवरी 2002 में भारतीय ध्वज के सम्मान में संशोधन किया गया था। इस संशोधन की खास बात यह है कि इसमें भारत कि आम जनता को अपने घर या ऑफिस में तिरंगा फहराने की छूट दी गई लेकिन साथ में कुछ निर्देश भी लागू किए है जो तीन भागों में बंटे हुए हैजिसमें ध्वज के सम्मान से संबंधित नियम इस प्रकार है-
- राष्ट्रीय ध्वज के फहराने के लिए एक ऊंचा स्थान होना चाहिए।
- झंडा वंदन के समय सभी को खड़े हो कर तिरंगे का सम्मान करना चाहिए।
- झंडा गंदा या फटा हुआ नहीं होना चाहिए।
- झंडे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
- झंडे को सदैव उत्साह के साथ फैराया जाए एवं
- उतारने के वक्त पूरे आदर के साथ उतारा जाए।
- झंडा फहराने के समय बिगुल बजाना चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज से उपर या बराबर से कोई और झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए।
- केवल राष्ट्रीय शोक के समय तिरंगे झंडे को झुकाया जा सकता है।
उपसंहार -
भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा झंडा है जिसकी वर्तमान पहचान इसके कई बदलाव के बाद सामने आई है। राष्ट्रीय ध्वज का अपमान देश का अपमान समझा जाता है इसके लिए ध्वज संहिता का निर्माण भी किया गया है जो सभी को बताता है कि किस तरह राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान किया जाए। राष्ट्रीय ध्वज में विराजमान तीन अलग-अलग रंग तीन अलग-अलग कहानियां बताते।राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे झंडे पर 10 वाक्य में निबंध -
- राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण पिंगली वेंकैया द्वारा किया गया था एवं 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया।
- भारत का राष्ट्रीय ध्वज भारत की अनेकता में एकता एवं इसके तीन अलग अलग रंग भारत के विभिन्न जाति और धर्म की एकजुटता तथा इस पर विराजमान अशोक चक्र भारत के इतिहास को दर्शाता है।
- राष्ट्रीय ध्वज भारत की स्वतंत्रता को दर्शाता है।
- राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का समय सूर्य उदय के बाद एवं सूर्यास्त के पहले का होता है कुछ खास मौकों पर तिरंगे को रात में भी फहराए जाने की अनुमति होती है।
- राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण हमेशा हस्तनिर्मित खादी के कपड़े के द्वारा किया जाना चाहिए।
- देश का सबसे ऊंचा झंडा अटारी बॉर्डर पर फहराया गया है जो कि 360 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
- राष्ट्रीय ध्वज पर किसी भी तरह की लिखावट, छपाई, एवं चित्र बनाना मना होता है।
- देश के लिए जान देने वाले वीर सपूतों को झंडे में लपेटा जाता है जिसमें केसरिया रंग उनके सर की तरफ होना अनिवार्य होता है तथा किसी वीर जवान पर लपेटे गए झंडे को दोबारा फहराया नहीं जा सकता।
- 1984 में पहली बार भारत का झंडा चांद पर फैलाया गया था जिसे फहराने वाले विंग कमांडर राकेश शर्मा थे।
- भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा कई चरणों से गुजरकर आज अपने वास्तविक स्वरूप तक पहुंचा है।
FAQ -:
Q.1 भारत के आम नागरिकों को झंडा
फहराने का अधिकार कब प्राप्त हुआ?
ANS- 26 जनवरी 2002
Q.2 भारत के राष्ट्रीय के निर्माणकर्ता कौन हैं?
ANS- पिंगली वेंकैया।
Q.3 हमारे राष्ट्रीय ध्वज में कौन-कौन से रंग
हैं?
ANS- हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग हैं जिसमें
सबसे ऊपर केसरिया बीच में सफेद
नीचे हरा रंग है।
Q.4 तिरंगे में दिखाई देने वाला अशोक चक्र
क्या दर्शाता है। और इसे कहां से लिया
गया?
ANS- तिरंगे में दिखाई पड़ने वाला अशोक चक्र
अशोक स्तंभ से लिया गया है जो धर्म
और भारत की अनेकता में एकता को
दर्शाता है।
Q.5 राष्ट्रीय ध्वज का माप क्या है?
ANS- तिरंगे झंडे का माप 3:2 की लंबाई और
चौड़ाई है।
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