सभी के घर में सरसो का प्रयोग आम बात है। सब्जी से ले कर पोहे तक सरसों का चौंक लगता है इसी तरह सरसों का तेल भी काफी फायदे मंद होता है रखी मालिश से शरीर बलिष्ठ और मजबूत होता है।
सरसों के फायदे |
सरसो के आयुर्वेद की नजर से हमारी सेहत से जुड़े कई अन्य फायदे है। जो नीचे बिस्तर से बताए गए हैं।
सरसो के फायदे -
सूजन -
सरसों के दानों के बीच पीसकर लेप करने से सूजन समाप्त हो जाती है।
गैस ट्रबल-
आधुनिक काल में मनुष्य के शारीरिक परिश्रम ना करने से वायु दूषित होने मानसिक कलेश में जीने या अनुचित अप्राकृतिक खानपान के कारण पेट में गैस बनने की बीमारी बहुत होने लगी है इससे छुटकारा पाने के लिए भोजन में संयम बरतने के साथ ही सरसों का तेल नाभि के चारों को पेट पर दाएं ओर से बाय ओर मालिश करनी चाहिए।
तिल्ली का बढ़ना -
कुछ दिनों तक सरसों के तेल की पेट पर मालिश करने से तिल्ली की वृद्धि रुक जाती है।
गंथिया रोग -
सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से मांस पेशियों की घाटियां मिट जाती है।
गर्भ धारण -
सरसों को पीसकर उसका शाफा बनाकर मासिक धर्म के स्नान के उपरांत 3 दिनों तक योनि में रखने से बांझपन समाप्त हो जाता है और नारी गर्भ धारण करने योग्य हो जाती है।
कफज खासी -
सरसों के दानों को पीसकर शहद के साथ चाटने से कफ के कारण उत्पन्न खांसी समाप्त हो जाती है।
मुख सौंदर्य -
सरसों के कल्फ को गल जाने तक दूध में उबालकर नीचे उतार लें और ठंडा करें। इसी योग को मुख पर मलने से चेहरे का कालापन समाप्त हो जाता है और मुख पर तेज जलक ने लगता है।
सरसों के दानों को दूध में डालकर तब तक पकाए जब तब की संपूर्ण दूध जल ना जाए दूध जलने पर, सरसों उतार कर सूखा पीसकर इसका उबटन करने से शरीर की कांति बढ़ जाती है और रंग साफ हो जाता है।
पायरिया -
सरसों के तेल में पीसा हुआ सेंधा नमक मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांतो का हिलना और दातों की जड़ से रिसने वाला खून बंद हो जाता है और दांत साफ हो जाते हैं।
नासूर -
रूई की बत्ती आक के दूध में भिगोकर सुखा लें तत्पश्चात सरसों के तेल में डुबोकर उसका काजल पाट ले। उस काजल को नासूर ने भरने से नासूर रोग समाप्त हो जाता है।
कर्ण शूल -
सरसों के तेल को कान में टपकाने से वादी के कारण उत्पन्न कान का दर्द मिट जाता है।
थोड़ा गुनगुना सहन करने लायक तेल कान में डालने से सभी प्रकार के दर्द, बहरापन, और आवाज होने की समस्या समाप्त हो जाती है यदि कान में कोई कीड़ा घुस गया हो तो भी वह बाहर आ जाता है।
उरोज सौंदर्य या स्तनों का उभार -
यदि महिला प्रतिदिन सरसों का तेल अपने स्तनों पर मालिश करें तो वे उतुंग, मोटे, उभार युक्त एवं पुष्ट हो जाते हैं।
मालिश -
जाड़े के दिनों में शरीर पर तेल की मालिश करने से त्वचा का रूखापन मिट आता है। तथा शरीर का वर्ण सुंदर हो जाता है पैर के तलवों में तेल की मालिश करने से पैरों का सो जाना तथा शरीर की थकान दूर हो जाती है नींद बहुत गहरी आती है नेत्रों में ठंडक पढ़ती है और उनकी रोशनी बढ़ने लगती है।
जल आना -
आग से शरीर का कोई अंग जल गया हो तो जले स्थान पर सरसों का तेल लगाने से छाला या फफोला नहीं पड़ेगा।
नाप सरकना या नाभि डिगना -
यदि नाप सड़क जाए तो सरसों के तेल की 12 बूंदे नाभि में डालकर लेट जाएं अथवा रुई का फाहा तेल में भिगोकर नाभि पर आवश्यकतानुसार रखने से नाप ठीक हो जाता है इसके अतिरिक्त कटी शूल, उन्माद, सिर की पीड़ा स्वास क्रास व अनेक वात व्याधियों में इससे लाभ होता है।
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