डॉ भीम राव अम्बेडकर पर निबंध व जीवनी हिंदी में, जीवन परिचय, परिवार, शिक्षा, बाबा साहब के कार्य, डॉ भीमराव अंबेडकर पर निबंध 1000 शब्दों में, डॉ भीमराव अम्बेडकर पर 10 लाइन में निबंध, Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar in hindi (1000 words), Essay and Biography on Baba Sahab Bhimrao Ambedkar in ten Lines.
का यह लेख डॉ भीम राव अंबेडकर के जीवन का परिचय देता है यह निबन्ध कक्षा3,4,5,6,7,8,9,10 आदि कई कक्षाओं के साथ साथ निबंध लेखन व भाषण प्रतिोगिता के के भी महत्वपूर्ण है।
डॉ भीराव अम्बेकर पर निबंध 150 शब्दों में (Doctor Bhimrav Ambedkar Essay In Hindi And Biography in hindi 150 words) -
डॉ आंबेडकर की भूमिका भारतीय इतिहास में अद्वितीय है इन्होंने उपेक्षित जाती के सम्मान के लिए सराहनीय कार्य किए इन्होंने हमेशा अहिंसक आंदोलन के मार्ग का साथ दिया वे एक कुशल समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, थे इन्होंने भारत की विधि निर्माण में भी योगदान दिया।
एक छोटी जाती में पैदा होने के बाद भी इन्होंने समाज द्वारा बनाई गई की प्रथाओं को बराबर चुनौतियां दी अपने हक के लिए लड़ते रहे। इन्होंने खुद को शिक्षित कर ज्यादा से ज्यादा डिग्रीयां भी हासिल की।
बाबा साहब अम्बेडकर के पिता का नाम श्री राम जी राव सतपाल थे इन्होंने भारतीय सेना में कई साल अपनी सेवाएं दी और बाद में सेवा निवृत्त हो कर वापस महाराष्ट्र आ गए। इनके माता पिता दोनों ही काफी सरल और शांत थे ईश्वर भक्ति में भरोसा करते थे। कम उम्र में ही बाबा साहब की शादी हो गई थी ।
विदेश से पढ़ाई पूरी करने आने के बाद बाबा साहब अम्बेडकर ने अपने व अन्य नीची जाती के हक के लिए लोगों के साथ मिल कर कई आंदोलन करने लगे जिनमें से अधिकांश में उन्हें सफलता मिली।
बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर पर निबंध(300 शब्दों में) | Baba Sahab doctor Bhimrao Ambedkar par Nibandh (300 shabdon me) -
प्रस्तावना -
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 (ब्रिटिश काल के भारत के मध्य प्रांत) वर्तमान मध्य प्रदेश के महू में एक गरीब परिवार में हुआ था उनके पिता रामजी राव सतपाल एवं माता भीमा बाई जी थी। डॉ भीमराव अंबेडकर के पिता व दादा दोनों ही भारतीय सेना में थे एवं उनके पिता काफी धार्मिक स्वभाव वाले एवं उनकी माता काफी सरल और गंभीर स्वभाव की थी।बाबा साहब का जीवन और राष्ट्र के प्रति योगदान -
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बचपन से ही कई जातिगत भेदभाव को देख कर यह समझ चुके थे कि केवल शिक्षा ही एकमात्र ए यह रास्ता है कि वह खुद को और अपने समस्त दलित समुदाय को इस छुआछूत से बाहर निकाल सकते हैं।बचपन में उन्हें उनकी कक्षा से बाहर बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती थी। पीने का पानी भी ऊपर से डाल कर दिया जाता था यह सारी बातें दलितों के लिए आम हो चुकी थी परंतु भीमराव अंबेडकर को यह स्वीकार नहीं था।
और यही कारण था कि भीमराव अंबेडकर शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश भी गए और दलित समुदाय में इतने अधिक शिक्षित होने वाले में पहले हुए। पढ़ाई पूरी कर भारत वापसी के बाद 1927 में उन्होंने अपना पहला आंदोलन किया जो पूरी तरह दलित अधिकारों के लिए समर्पित था। इसके बाद वे दलितों के अधिकारों की ओर तत्परता से समर्पित रहे आगे चल कर इन्होंने कई और आंदोलन किए
बाबा साहब अंबेडकर एक समाज सुधारक, दार्शनिक, राजनेता और अर्थशास्त्री भी थे, आगे चलकर इन्होंने हिंदू धर्म की कुरीतियों से परेशान होकर बौद्ध धर्म अपना लिया था।
उपसंहार -
भारत में बहुत सी कुरीतियां थी जिनमें से एक बड़ी कुरीति थी जातिगत भेद भाव दलित समुदाय का हिस्सा होने के बाद भी उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और विभिन्न कुरीतियों का अंत करने के साथ साथ भारत की राजनीति में आना विशिष्ट स्थान भी बनाया। बाबा साहब ने भारत के संविधान निर्माण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और बाद मे वे भारत कि आजादी के बाद भारत के न्याय और कानून मंत्री बने।डॉ भीम राव अंबेडकर पर निबंध और जीवनी हिंदी में(1000 शब्दों में) | Essay and Biography On Bhimrav Ambedkar in hindi (1000 words) -
प्रस्तावना -
डॉ भीराव अंबेडकर दलित जाति में जन्मे एक महान विद्वान, दार्शनिक, अर्थशास्त्री व समाज सुधारक भी थे इन्होंने अपना सारा जीवन दलितों को उनके अधिकार दिलाने और राष्ट्र की सेवा में लगा दिया।इन्होने भारतीय छुआछूत जैसी बुरियों का खुल कर विरोध किया और कई समाज सुधार आंदोलन भी किए और आगे चल कर भारत के कानून व न्याय का पद भी संभाला।
भीमराव अंबेडकर का जन्म -
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू सेना छावनी कि केंद्रीय प्रांत सांसद महाराष्ट्र में हुआ था। इनका जन्म एक दलित और गरीब परिवार में होने के कारण बचपन से ही इन्हें अपमान कई तरह के जातिगत ताने व जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा।भीमराव अंबेडकर का परिवार -
बीआर अंबेडकर के पिता पेशे से भारतीय सेना में एक सूबेदार के पद पर तैनात थे इनके पिता का नाम श्री राम जी राव सतपाल था एवं उनकी माता का नाम भीमा बाई था इनके माता-पिता का स्वभाव अत्यंत ही सरल और गंभीर था इनके पिता पूजा पाठ व धार्मिक प्रवृत्ति वाले थे।1894 में उनके पिता रिटायरमेंट के बाद पूरे परिवार को लेकर सातारा आ गए यहां आने के लगभग 4 साल के बाद ही बी आर अंबेडकर की माता का देहांत हो गया, भीमराव अंबेडकर के परिवार में उनके अलावा उनके दो भाई एवं दो बहन और थे जिनका नाम बलराम, आनंद तुलसा और मंजुला था। भीमा बाई के देहांत के बाद इनकी चाची ने इनकी देखभाल की।
इनके पिता ने दूसरा विवाह किया और वे बांबे चले गए।
भीमराव अंबेडकर का विवाह भी 15 वर्ष की आयु राम बाई नामक स्त्री के साथ हुआ। और बाद ने उन्होंने दूसरी शादी कि जिनका नाम सविता अंबेडकर था दोनों शादियों से इन्हे एक ही पुत्र है जिनका नाम यशवंत अंबेडकर है।
भीमराव अंबेडकर की शिक्षा -
अपने पिता की कुल पांच संतानों में से केवल भीमराव अंबेडकर ही एकमात्र जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। इन्होंने एलफिंस्टन हाई स्कूल मुंबई में आगे की शिक्षा हेतु दाखिला लिया और अपनी मैट्रिक तक की पढ़ाई यहां से पूरी की इस बीच सबसे खास बात यह रही कि वह ऐसे पहले और एकमात्र दलित हुए जिन्होंने 1908 में एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लिया था, यह बात हर एक दलित व्यक्ति के लिए एक गर्व की बात थी।इसके बाद इन्होंने अपनी इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन का डिग्री प्राप्त की और 1912 के आसपास (अर्थशास्त्र)
इकोनॉमिक्स की हायर स्टडीज के लिए, वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क चले गए इनकी हायर स्टडीज के लिए सयाजीराव गायकवाड़ द्वारा शुरू की गई छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिला।
इसके बाद उन्होंने इकोनॉमिक्स के साथ-साथ पॉलीटिकल साइंस, हिस्ट्री, सोशल साइंस आदि में भी मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की तपस्या की है 1916 में भीमराव अंबेडकर लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स भी गए "रुपये की समस्या: इसकी उत्पत्ति और समाधान"पर शोध कार्य किया 1920 में उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी से डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की और 1927 आते आते उन्होंने आज शास्त्र में पीएचडी भी प्राप्त कर लिया था।
भीमराव अंबेडकर द्वारा किए गए आंदोलन -
बचपन से ही भीमराव अंबेडकर को अछूत परिवार में जन्म लेने एवं नीची जात का होने के लिए बहुत सी अपमान भरी बातों का सामना करना पड़ा था स्कूल में भी उन्हें बड़ी जाति के बच्चों से अलग या फिर कक्षा के बाहर बैठना पड़ता था इन्हीं सब बातों ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को और कठोर एवम् इनके इरादों को और मजबूत बना दिया था इन्होंने अपने जीवन काल में दलित जाति के लिए बहुत कुछ किया जिनमें से कुछ प्रमुख आंदोलन इस प्रकार है।• महाड़ का सत्याग्रह (चवदार तालाब सत्याग्रह) -
20 मार्च 1927 यह दिन भारतीय इतिहास मेंसामाजिक सशक्तिकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह आंदोलन बी.आर अंबेडकर द्वारा मुख्यता पीने के पानी के इस्तेमाल को लेकर किया गया था। चवदार का तालाब जिस पर ऊंची जाति के लोगों द्वारा अपना हक जताया जाता रहा है था और नीची जाती के लोगों को पानी नहीं लेने दिया जाता था।
इसी कारण डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अगुवाई में को महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिले के महाड़ गांव में दलितों को अधिकार दिलाने हेतु डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा यह इनका पहला आंदोलन किया गया। तालाब में जा कर बाबा साहब एवं इनके अनुयाइयों ने तालाब का पानी पिया था। जिस पर बाद में तत्कालीन हाई कोर्ट ने भी दलितों के हक में फैसला लिया था।
• कालाराम मन्दिर सत्याग्रह -
2 मार्च 1930 को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में दलित जातियों के मंदिर में प्रवेश को लेकर किया गया आंदोलन था जो नासिक में हुआ इसे कलाराम मंदिर सत्याग्रह आंदोलन के रूप में जाना गया।
इस आंदोलन में लगभग 15000 दलितों ने भाग लिया था जो कि पूरे महाराष्ट्र से नासिक पहुंच रहे थे। यह आंदोलन (5 साल 11 महीने 7 दिन) लगभग 6 साल तक चला।
इस आंदोलन की खास बात यह थी कि यह आंदोलन पूर्णता अहिंसात्मक तरीके से किया जा रहा था आंदोलनकारियों द्वारा मंदिर के चारों गेटों को घेर कर उसके सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाता रहा वहीं दूसरी तरफ से ऊंची जाति व स्वर्ण हिंदू एवं पुलिस बल समय समय पर उन्हें कमजोर करने आंदोलनकारियों लाठियां बरसते रहे लेकिन सभी आंदोलनकारी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के कहे अनुसार अहिंसात्मक आंदोलन करने में जुटे रहे परंतु 5 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जब स्वर्णिम हिंदुओं ने मंदिर के कपाट दलितों के लिए नहीं खोले तो उन्हें बहुत आघात हुआ और उन्होंने हिंदू धर्म छोड़ने का मन बना लिया।
• नवबौद्ध आंदोलन (बौद्ध-दलित आंदोलन) -
कई आंदोलनों के बाद बी. आर. अंबेडकर कोई समझ में आ जाता था कि भारतीय समाज में दलितों को उनका अधिकार मिलना नामुमकिन है इसके उन्होंने अक्टुबर 1956 में लगभग 8-10 लाख दलित लोगो के साथ मिल कर बौद्ध धर्म अपना लिया।बी आर अंबेडकर को प्राप्त उपाधियां -
बाबा साहब अम्बेडकर ने अपने जीवन काल में कई उपाधियां प्राप्त की उन्होंने कुल बीए, एमए, एम.एससी, पीएच.डी, बैरिस्टर, डीएससी जैसी कुल 26 उपाधियां प्राप्त की।भीमराव अंबेडकर का अंतिम समय -
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का दर्जा दलितों के लिए किसी देवता से कम नहीं था उन्होंने अपने जीवन काल में दलितों के उत्थान के लिए कई ऐसे कार्य भी किए जिसकी वजह से दलित समाज के जीवन में एक नए सूर्य का उदय हुआ।कलाराम मंदिर सत्याग्रह के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को इतना आभास हुआ कि उन्होंने कहा मैं हिंदू धर्म में पैदा जरूर हुआ था लेकिन हिंदू मरूंगा नहीं और यही कारण था कि उन्होंने अपने जीवन काल में बौद्ध धर्म को अपना लिया था। और 6 दिसंबर 1956 को उनके प्राण पखेरू हो गए।
उपसंहार -
एक गरीब परिवार में जन्मे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने बचपन से ही कई कठिनाइयों और सामाजिक कुरीतियों का सामना किया था डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बाल्य काल से ही निर्भीक स्वभाव के थे बढ़ती उम्र के साथ उन्हें यह समझ आ गया था कि उन्हें इन कुरीतियों से सिर्फ शिक्षा की छाया ही बचा सकती है। यही कारण था कि उन्होंने अपने आपको सबसे पहले शिक्षा प्राप्त करने के लिए अग्रसर किया और फिर दलित के उत्थान में खुद को झोंक दिया।डॉ भीराव अंबेडकर पर 10
लाइन में निबंध (Essay On Docter Bhimrao Ambedkar in 10 Lines) -
- बाबा साहब का जन्म मध्य प्रदेश के महू में हुआ ।
- इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को एक गरीब दलित परिवार में हुआ था।
- 15 वर्ष की छोटी आयु में इनका विवाह हो गया था।
- इनके पिता व दादा भारतीय सेना में कार्यरत थे।
- वे बचपन से ही निर्भीक स्वाभाव के थे।
- डॉ आंबेडकर कों बचपन से ही अपने साथ पढ़ने वाले दूसरे ऊंची जाति के हिंदू विद्यार्थियो से अलग बैठने और ऊपर से पानी देने जैसी कुरीतियां पसंद नहीं थी।
- भीमराव अंबेडकर जी को बचपन में ही एक बात समझ आ गई थी कि मात्रा शिक्षा ही एक उपाय है खुद को इस कुरीति और भेदभाव से मुक्ति दिलाने का।
- इन्होंने विदेश जा कर भी शिक्षा ग्रहण की।
- ये एक महान व्यक्तित्व थे जिनका अनुसरण दलित समाज के लाखों लोग करते थे।
- इन्होंने भारत के संविधान निर्माण में भी अपना अभिन्न योगदान दिया।डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने हिंदू धर्म कर कर बौद्ध धर्म अपना लिया था।
FAQ -
Q1. डॉ भीम राव अम्बेडकर जी का जन्म कबहुआ?
Ans- 14 अप्रैल 1891
Q2. डॉ भीम राव अम्बेडकर जी का जन्म कब
हुआ?
Ans- ब्रिटिश हुकूमत के मध्य प्रांत (वर्तमान
मध्य प्रदेश के महू)
Q3. बाबा साहब अम्बेडकर के पुत्र का नाम
क्या हैं।
Ans- यशवंत अंबेडकर
Q4. डॉ आंबेडकर की मृत्यु कब हुई?
Ans- 6 दिसंबर 1956 दिल्ली
यह भी पढ़े 👉