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वर्तमान समय और स्थिति में प्रदूषण (polution) का मतलब ही है जो हमारी प्रकृति(Nature) को लगातार नुकसान पहुंचा रहा हो, जिससे मनुष्य जाति और अन्य सभी जीव जंतुओं को खतरा हो। साफ शब्दों में समझा जाय तो प्रदूषण (polution) के अन्तर्गत वह सभी क्रियाकलाप है जिस से प्रकृति को लगातार नुकसान पहुंचते है।(harm full for nature)
आज दुनिया (world) में जो भी अच्छी और बुरी स्थिति हम सभी देख पा रहे है उसका सीधा सा जिम्मेदार (Responsible) मनुष्य ही है।
Essay on Pollution (प्रदूषण पर निबंध) -
प्रस्तावना (introduction) -
(Pollution)प्रदूषण सिर्फ भारत की ही नहीं विश्व(World) की एक बड़ी समस्या(Problem) बनती जा रही है विश्व के सभी देश इस मुद्दे के प्रति काफी चिंतित भी नजर आने लगे हैं सभी मिलकर प्रदूषण को काबू(Control) में करने के तरीके सोच रहे हैं
पिछले कुछ दशकों में हम इंसानों ने तरक्की तो बहुत की लेकिन इस तरक्की(improvement) के लिए अनेकों प्रकार से प्रकृति को हानि पहुंचाई गई है इसी कारण ग्लोबल वार्मिंग(Globel Warming) अपने हाईएस्ट प्वाइंट तक जा पहुंची है अब भी अगर मनुष्य नहीं समझे तो संपूर्ण धरती को प्रकृति अपने गर्भ में समा लेगी।
पर्यावरण (Environment) में फैला विभिन्न प्रकार का प्रदूषण ही एकमात्र कारण है जिसकी वजह से धरती से अनेकों अनमोल जीव जंतु विलुप्त हो चुके हैं। और जो बचे हुए है पूरे विश्व के सभी देश उनका संरक्षण करने में जुटे हुए है। ठीक इसी तरह दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हवा का स्तर भी बहुत ही गिर चुका है। दुनिया के कुछ देश वाहन के कुछ हिस्से तो ऐसे हैं जहां सांस लेना भी यह सुनने के समान हो गया है अगर भारत की बात करें तो यहां का सबसे अधिक प्रदूषित शहर यहां की राजधानी (capital) है।
प्रदूषण क्या है (What is pollution explain?) -
पृथ्वी पर मानव के लिए प्रकृति द्वारा दी गई कुछ बहुमूल्य व मूलभूत चीजे है। जैसे हवा, पानी, और मिट्टी इन तीनों ही तत्वों के बिना मनुष्य जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है।
पानी जो केवल पृथ्वी पर पाया जाता है। मिट्टी जिस पर खेती (farming) कर अनाज उगाकर हम सभी अपना पेट भरते हैं। तथा हवा जिससे हमें जीवनदायिनी (Oxision) प्राणवायु ऑक्सीजन मिलती है।
इन तीनों ही तत्वों में जब अप्राकृतिक, अवांछनीय बाहरी तत्व घुलने मिलने लगते हैं। और इस हद तक पोल्यूटेड कर देते हैं की इसके उपयोग से इसका उपयोग करने वाले प्रत्येक जीव जंतुओं के स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव होने लगे तब इस स्थिति को प्रदूषण कहा जाता है। यह एक बहुत ही चिंताजनक स्थिति है आज हम सभी देख रहे हैं कि प्रदूषण के कारण ही कितना चिंताजनक माहौल है। बिना मौसम बारिश होना, ऐसिड रेन, ज्वालामुखी फटने, ग्लेशियर पिघलने की दर में तेजी, चक्रवात, भूकंप आदि इसके सटिक उदहारण है।
प्रदूषण के प्रकार (Types of pollution) -
प्रदूषण के विभिन्न प्रकार होते हैं जिन्हें नीचे हम विस्तार से जानेंगे
मृदा प्रदूषण (soil pollution) -
खेती के लिए प्रयुक्त होने वाले विभिन्न प्रकार के रासायनिक खाद उर्वरक और अन्य तरह के कीटनाशक जिन्हें फसलों को बचाने, ज्यादा फसल उगाने आदि के उद्देश्य से भूमि में मिलाया जाता है। जिससे फसल तो अधिक उगाई जाती है लेकिन इसके हानिकारक प्रभाव मृदा पर और इन रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों द्वारा उगाए हुए अनाज पर भी पड़ता है जो कहीं ना कहीं हमारी सेहत पर अपना असर छोड़ता है।
इसी तरह औद्योगिक इकाइयों से निकला जहरीला सूखा कचरा और घरेलू कचरा जो पानी में नहीं बहाया जाता वह जमीन परी फैला रहता है और भूमि प्रदूषण मृदा प्रदूषण का एक कारण होता है हालांकि इसके निस्तारण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन यह ऐसे प्रयास नहीं है जिनका कोई खास परिणाम देखें यही वजह है कि इनसे पनपने वाले मच्छर मक्खी एवं अन्य कीड़े मकोड़े हमारे आस-पास रह कर बीमारियां फैलाते है।
जल प्रदूषण(Water pollution) -
नदिया तो हर देश या शहर की जीवन रेखा की तरह होती हैं खास अगर भारत जैसे देश की बात करें तो यहां नदियों को भी देवी की संज्ञा दी जाती है लेकिन बीते कुछ दशकों में औद्योगिकीकरण की काली पट्टी इस तरह हमारी आंखें बंद कर रखी है कि उद्योगों मिलो आदि से निकला जहरीला वेस्ट (waist) और गंदा जहरीला पानी सीधे नदियों में छोड़ा जा रहा है।
देवी मानी जाने वाली हमारी नदियां प्लास्टिक और रासायनिक कचरे से अब इतनी मैली हो चुकी है कि इनमें अनेकों अनेक बीमारियों का वास हो चला है।
वायु प्रदूषण (Air pollution) -
वाहनों से निकलने वाला धुआं, फैक्ट्री व मिलों की चिमनियों से निकलने वाला धुआं वायु को प्रदूषित करता है। दिन-ब-दिन बढ़ते वाहन और उद्योग धंधों से एयर पोलूशन का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है और यही वजह है कि वातावरण में उपस्थित हवा का (AIR QUALITY INDEX) एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बिगड़ता ही जा रहा है और वायु प्रदूषण में लगातार हो रही विषैले पदार्थों की वृद्धि से (bronchitis) ब्रोंकाइटिस, फेफड़े संबंधी एवं अन्य कई गंभीर बीमारियां अपना शिकार बना रही हैं।
ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution) -
रास्ते से जाते हुए हम सभी ने कभी ना कभी हॉस्पिटल्स के सामने ध्वनि प्रदूषण का या फिर हॉर्न ना बजाने का बोर्ड जरूर देखा होगा।
ऐसा इसलिए है क्योंकि ध्वनि प्रदूषण मनुष्य में होने वाले मानसिक तनाव का मुख्य कारण माना जाता है इसकी वजह से मनुष्य में सुनने की शक्ति भी कम हो सकती है और अन्य दुष्प्रभावों का सामना भी करना पड़ सकता है।
ध्वनि प्रदूषण के लिए खास तौर पर शहरी क्षेत्रों में या उसके आसपास उपस्थित बड़े कारखाने मील और फैक्ट्रियां जिम्मेदार होती हैं। जिनमें तेज आवाज करने वाली मशीनों का उपयोग एवं अन्य प्रकार की तेज आवाज पैदा करने वाले यंत्रों का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा सड़कों पर वाहनों द्वारा होने वाला शोर, त्योहारों में फोड़े जाने वाले पटाखों का शोर, और लाउडस्पीकर आदि है।
थर्मल प्रदूषण (Thermal pollution) -
जिस तरह कार के रेडिएटर को गर्म होने पर ठंडा करने के लिए पानी का उपयोग शीतला के रूप में किया जाता है। ठीक उसी तरह कई बड़े उद्योगों एवं पावर प्लांट्स में पानी का उपयोग शीतलक के रूप में किया जा रहा है, जिससे नदी तालाबों में रहने वाले जीव जंतुओं को उनकी आवश्यकता अनुसार पानी का तापमान नहीं मिल पाता और इस कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। इसके साथ साथ पानी में ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है।
रेडियो एक्टिव प्रदूषण (Radioactive pollution) -
परमाणु बिजली केंद्रों में चलने वाले संयंत्रों द्वारा उत्पन्न कचड़े के अवयव रेडियोएक्टिव प्रदूषण को बढ़ाते हैं। इसके अलावा हथियारों का विस्फोट करवाने या होने से भी रेडियोएक्टिव पॉल्यूशन बड़ी मात्रा में फैलता है। वायुमंडल में कुछ रेडियोएक्टिव तत्व विद्यमान है, जिनसे भी रेडियोएक्टिव प्रदूषण का खतरा बना रहता है।
दुनिया के कुछ सबसे अधिक प्रदूषण वाले शहर (World's most polluted city's) -
पूरी दुनिया बीते कुछ समय से ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बहुत अधिक चिंतित है और लगातार इसे सुधारने प्रकृति के गति चक्र को नियमित करने के प्रयासों में लगी हुई है इसी दिशा में कई देशों ने ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए 2030 तक मीथेन उत्सर्जन मैं कमी करने की घोषणा अभी की है और साथ ही साथ कोई लेकर कम उपयोग का संकल्प भी लिया गया है एक तरफ विश्व के जिम्मेदार देश अपनी जिम्मेदारियां समझते हुए आगे आ रहे हैं तो वही
लाहौर, वर्सवा, पोजनान, ढाका, दिल्ली,रियाद, मुंबई, काठमांडू, बीजिंग, चैरनोबोल, कुवैत आदि जैसे दुनिया के कुछ देशों के शहर ऐसे भी हैं जहां की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है।
उपसंहार -
प्रदूषण का यह बीच मनुष्य द्वारा ही बोया गया है जो दिन-ब-दिन हमारे पर्यावरण को नष्ट करता जा रहा है इसे रोकने के लिए हमें जरूरी कदम उठाने चाहिए और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की हर मुमकिन कोशिश भी करनी चाहिए।
प्रकृति का बरपाया हुआ कहर हम सभी ने कई बार देखा ही है। और यही कारण है कि, अगर हम सभी चाह ले तो पूरे विश्व को बड़ी आसानी से ग्लोबल वार्मिंग से बाहर ला सकते हैं।
प्रदूषण पर 10 वाक्य हिंदी में (10 Lines on pollution) -
- 2 दिसंबर को Pollution control day के रूप में निर्धारित किया गया है।
- वातावरण को प्रदूषित करने वाले तत्व जब हवा, पानी, मिट्टी में मिल जाते है तो यह प्रदूषण कहलाता हैं।
- मानव के लालच भरे क्रियाकलाप ही बढ़ते प्रदूषण का एक मात्र कारण है।
- प्रदूषण के कई प्रकार होते है जिनमें कुछ मुख्य वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, थर्मल प्रदूषण, रेडियोएक्टिव प्रदूषण आदि है।
- प्रदूषण न केवल हमें नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि इससे प्रकृति के अनमोल जीव जंतुओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
- प्रदूषण से हमारी धरती के वायुमंडल की विभिन्न परतें नस्ट हो रही है जिसका सबूत अम्ल वर्षा आदि है।
- वायु व मृदा प्रदूषण का एक मिला जुला और महत्वपूर्ण कारण है वनो की कटाई जिस से हमारे पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत दबाव बाद गया है।
- वर्तमान समय में विश्व के कई देशों की air quality index देख कर यह भी पता लगता है कि संपूर्ण विश्व में सांस लेने लायक साफ ऑक्सीजन भी नाम मात्र की बची है।
- वर्तमान स्थिति को ध्यान में रख कर विश्व के कई देश अपने कार्बन उत्सर्जन को का करने के लिए लगातार काम कर रहे है।
- आम आदमी भी कुछ दैनिक कियाओं को काबू में रख कर car pulling, recycling, tree plantation, No chemical Fertilizer जैसे कुछ उपायों को अपना कर प्रदूषण कम करने में अपना योगदान (Contribution) दे सकता है।
FAQ -:
Q1. पॉल्यूशन कंट्रोल दिवस (pollution
control day)
Ans- 2 दिसंबर।
Q2. भारत का सबसे प्रदूषित शहर कौन सा
है।
Ans- दिल्ली।
Q3- विश्व का पहला सबसे प्रदूषित शहर?
Ans- बांग्लादेश।
Q4- भारत का सबसे कम प्रदूषित राज्य व
शहर?
Ans- मिजोरम का लुंगलेई शहर है।
Q5- वायु प्रदूषण की मात्रा मापने की इकाई क्या है
Q6- जल प्रदूषण कैसे माप ते है।
Ans- Biological Oxygen Demand
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