global warming -: गोबलवार्मिंग का अर्थ इस के कारण व प्रकार , ग्लोबल वार्मिंग रोकने के उपाय , हानियाँ ,ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध , ग्लोबल वार्मिंग पर दस लाइन , global warming essay in hindi
ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के लिए एक बुरे सपने की तरह है वह बुरा सपना जो जितना लंम्बा चलेगा उतना ही असहनीय होता जय गा | सबसे अच्छी बात तो यह है की बुरा सपना हमारी नींद खुलने के साथ ही टूट कर पीछे छूट जाता है , और एक नए दिन की शुरुआत होती है लेकिन हम मानवों ने अपने निजी फ़ायदों , दूसरों से आगे भागने की होड मे धरती का बुरी तरह हहन किया है
आज हम सभी ग्लोबल वार्मिंग संबन्धित विषय मे निबंध के माध्यम से चर्चा करे गे यह निबंध स्कूल , कॉलेज , सरकारी सेवा परिक्ष के साथ साथ अन्य सामाजिक व वैश्विक मुद्दों पर जानकारी रखने वाले लोगो के लिए भी यह निबंध काफी उपयोगी होगा
Global Warming Essay in 200 words/ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध 200 शब्दों मे -
अरबों साल पुरानी हमारी धरती वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या से जूझ रही है ग्लोबल वॉर्मिंग शब्द का अर्थ अब इतना व्यापक हो चुका है कि स्कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्चे भी इसका अर्थ भली-भांति समझ चुके हैं।
हमारी पृथ्वी जिस पर कई अलग-अलग कॉन्टिनेंट्स पर अलग-अलग देश बसे हुए हैं और इनमें से अधिकतर देशों का मौसम और तापमान एक दूसरे से अलग है लेकिन इन सभी बातों में एक बात समान भी है कि हम जिस पृथ्वी पर निवास करते हैं वह एक है जिस सूरज से हमें रोशनी मिलती है वह भी एक है।
लेकिन वर्तमान समय में हमारी खूबसूरत धरती ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी गंभीर समस्या से जूझ रही है पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है सूर्य के प्रकाश के अलवा भी मनुष्य द्वारा प्रगति के नाम पर प्रकृति के साथ किए गए खिलवाड़ भी इसके लिए जिम्मेदार है।
व्यापक तौर पर हो रहे industrialization और fossil fuel के उपयोग से Earth में ग्रीन हाउस गैस
green house gass ka उत्सर्जन भी भारी मात्रा में हो रहा है जोकि सीधे तौर पर ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है।
ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी पर रहने वाले ना केवल मनुष्य बल्कि सभी प्राणी जीव जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं बढ़ती गर्मी असामान्य मौसम तूफान चक्रवात आदि इसका सबूत हैं ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए आज पूरा विश्व एकजुटता से उपाय कर रहा है।
Global Warming Essay (1000 words) / ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध 1000 शब्दों मे -
प्रस्तावना -
अक्सर हम सभी ने आपस में बात किया होगा या फिर किसी और को यह बात करते सुना होगा कि साल दर साल गर्मियों के मौसम में गर्मी बढ़ती ही जा रही है। या फिर अन्य मौसमों मे अजीब बदलाव देखने मिल रहे है कहीं बारिश नहीं हो रही तो कही आसमान्य रूप से भरी वर्षा से आम जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई है कही भूकंप और चक्रवात ने हाहा कार मचा दिया है
इन सभी का जिम्मेदार भी हम खुद है सम्पूर्ण मानव प्रजाति ने औध्योगिकीकरण के नाम पर बिना सोचे समझे पेड़ों की कटाई कर हरे भरे जंगलो की जगह सीमेंट और लोहे के शहर रूपी जंगल का निर्माण किया है हमारे द्वारा उपयोग किए जा रहे जीवांश्म आदि के दुरुपयोग से ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक समस्या का जन्म हुआ है
Global Warming meaning / ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ -
ग्लोबल वार्मिंग शब्द पृथ्वी के तापमान में हुई अधिकतम वृद्धि का सूचक है मनुष्य की अनेकों प्रकार की गतिविधियों के कारण वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा बढ़ती जा रही है।
सबसे अधिक घातक ग्रीन हाउस गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड, nitrous ऑक्साइड मीथेन आदि गैसे हैं।
मनुष्य द्वारा लगातार की जा रही गतिविधियों में इन गैसों की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है, इन क्रियाकलापों से पृथ्वी पर संतुलन संबंधी समस्या लगातार बढ़ती जा रही हैं।लगभग पिछले 200 वर्षों में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा इंडस्ट्री लाइजेशन की वजह से और औद्योगिक क्रांति की के बाद से ही वातावरण में लगभग 40 % कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ चुकी है।1850 के बाद से पिछले 12 वर्ष सबसे अधिक गर्म वर्षों की रैंक में शामिल है।
Causes of global warming /ग्लोबल वार्मिंग के कारण -
उर्वरक, खाद कीटनाशक का अधिक प्रयोग -
हम सभी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि उर्वरक कीटनाशक आदि का प्रयोग करने से फसल अच्छी होती है परंतु इसका एक बड़ा नुकसान यह भी है कि कीटनाशक व उर्वरक खाद आदि विभिन्न प्रकार के केमिकल से मिलकर बनती है जो मिट्टी को प्रदूषित करने के साथ-साथ कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड व मिथेन जैसी गैसों का उत्सर्जन भी करती है। जिससे कहीं ना कहीं ग्लोबल वार्मिंग में अपना योगदान बनाए रखती हैं।खेतों व डेयरी आदि में अधिक मात्रा में पशु पालन -
किसान खेती में सहायता के लिए व डेयरी उद्योग में अधिक दूध उत्पादन के लिए जानवरों को पालते हैं। लेकिन जब यही जानवर अधिक मात्रा में होते हैं तो इनके द्वारा किए जाने वाले मल से भी विभिन्न भिन्न हाउस जैसे-जैसे मीथेन का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है जो हमारे वायुमंडल के लिए खतरनाक हो सकती हैं।जंगल की अंधाधुंध कटाई -
विकास और उन्नति के पीछे भागती मनुष्य जाति लालच में इतनी अंधी हो चुकी है कि कागज फर्नीचर इमारती लकड़ी जलाऊ लकड़ी आदि के लिए हमने प्रकृति के संतुलन को बिना ध्यान में रखें पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की है। जिससे ना केवल मृदा में कटाव शुरू हुआ बल्कि पृथ्वी के वायुमंडल पर भी असर पड़ा पेड़ वायुमंडल को संतुलित रखकर गर्म नहीं होने देते पेड़ ना होने की वजह से ही आज वायुमंडल की तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है ग्रीन हाउस गैसें वायुमंडल में फंसी हुई है इसका दुष्प्रभाव यह है कि हिम ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं समुद्री जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है अगर हालात जल्दी नहीं सुधरे तो थोड़े ही वक्त में पृथ्वी जलमग्न होती नजर आएगी।ओजोन परत का लगातार क्षरण होना -
अंटार्कटिका ऊपर वायुमंडलीय क्षेत्र में ओजोन परत का लगातार क्षरण होना global warmingहोने के एक बड़े कारण को दर्शाता है।
हमने पहले भी किताबों में यह पढ़ा होगा कि ओजोन परत का काम सूर्य से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से पृथ्वी को बचा कर रखना है लेकिन लगातार बढ़ती गर्मी से साबित हो चुका है कि ओजोन परत का क्षरण हो रहा है और यही कारण है कि हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणें भी हमारे वायुमंडल में प्रवेश कर रही हैं और ग्रीन हाउस गैसों द्वारा सोख ली जा रही है जिससे हमारे वायुमंडल के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है।
औद्योगिकरण -
इंडस्ट्रियल evolution के बाद से फैक्ट्री और कारखानों में आई अचानक वृद्धि से वातावरण में कैमिकल युक्तधुआं, पानी और प्लास्टिक भी अधिक मात्रा में निकलते है जिस से पृथ्वी को होने वाले लगातार नुकसान में बढ़ोतरी हो रही है।
प्रदूषण -
वर्तमान समय में बढ़ती तकनीकों के साथ प्रदूषण के प्रकार ही बढ़ते जा रहे हैं।वायु प्रदूषण जल प्रदूषण मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि यह सभी प्रदूषण के मुख्य कारण के रूप में जाने जाते हैं।
भाई मंडल में बढ़ रहे विभिन्न प्रकार के प्रदूषण और गर्म वातावरण में इस तरह के प्रदूषण का भी बहुत योगदान है।
जनसंख्या का लगातार बढ़ना -
Global warming के लिए लगभग 80% से 90% कार्बन का उत्सर्जन मानव द्वारा होता है या हुआ है। यही कारण है कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए बढ़ती जनसंख्या भी मुख्य तौर पर जिम्मेदार मानी जा सकती है।वायुमंडल में स्थित ग्रीन हाउस गैसें -
मानव द्वारा उत्सर्जित कई प्रकार की गैस हैं जो वायुमंडल को और अधिक गर्म करने में सहायता करती हैं। इनमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड क्लोरोफ्लोरोकार्बन nitrogen oxide or bromin compound हैयह सभी गैस से हमारे वायुमंडल में स्थित हैं और सूर्य से मिलने वाली लगातार गर्मी को अपने अंदर खींच रही हैं जिसकी वजह से हमारे तापमान में लगातार वृद्धि नजर आ रही है।
उपसंहार -
ग्लोबल वार्मिंग को काबू करने के लिए पर्यावरण से कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा, लगातार बढ़ती जनसंख्या, अधिक बिजली की खपत, अंधाधुन जीवाश्म ईंधन ओ को जलाया जाना यह सभी बातें मिलकर हमारे वातावरण में अत्यधिक गर्मी पैदा करती जा रही हैं जो एक साथ मिलकर ग्लोबल वार्मिंग का रूप ले रही है इसे काबू करने का सबसे अच्छा तरीका है वृक्षारोपण करना ट्री प्लांटेशन से हमारा वातावरण अपना संतुलन वापस बनाने में सक्षम हो पाएगा इसके साथ ही हमें प्राकृतिक ऊर्जा को उपयोग में लाने के तरीके खोजने चाहिए और जीवांश इन दिनों या अन्य परंपरागत सीमित संसाधनों का अंधाधुन उपयोग करना कम कर देना चाहिए।
अच्छी बात तो यह है कि विश्व की बड़ी शक्तियां अब इस पर अपना ध्यान केंद्रित करने लगी हैं और सकारात्मक कदम भी उठा रही हैं हालांकि यह सारे कदम अभी भी प्रकृति को बचाने के लिए काफी नहीं है लेकिन जल्दी ही हमारी पृथ्वी पहले की तरह हरी-भरी और बिना प्रदूषण की हो जाएगी।
हमें पूरी आशा है कि onlinehitam द्वारा लिखे गए लेख आप सभी पाठको को पसंद आ रहे होंगे।
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