Maa par nibandh in 750 words | essay on mother in hindi | मां पर निबंध| मेरी मां पर निबंध 500 शब्दों में | different Countys history of mothers day in hindi , माँ पर निबंध कक्षा 7,8,9,10, व प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही निबंध व भाषण प्रतियोगिता के लिए महत्वपूर्ण |
Maa जैसा आत्मीयता का भाव आपको कही और नहीं मिल सकता, माँ का स्थान एक सम्मानीय स्थान है भारत मे maa को भगवान का दर्जा दिया जाता है| और सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व मे Maa को उनके जीवन मे किए गए त्याग और बलिदान के लिए जाना जाता है इंसान हो या कोई जन्तु माँ की ममता को समझना इतना आसान नहीं है और न ही Maa के मात्रत्व का कोई मोल लगाया जा सकता है इसलिए maa को सम्मानित करने उन्हे खास महसूस करवाने के लिए मदर्स डे Mother's day मनाया जाता है
Mother Essay In Hindi 150 Words -
प्रस्तावना -
मां (MAA) कहने को एक छोटा शब्द है। लेकिन अगर सही तरह से सोचा जाए तो Maa शब्द के अंदर एक पूरी की पूरी दुनिया समाहित है।
पूरी दुनिया में कोई भी ऐसा जीव-जंतु या प्राणी नहीं है जोकि खुद ही धरती पर आ गया हो, हर मनुष्य व हर प्राणी को जन्म देने वाली मां ही होती है। इस दुनिया में मां को भगवान का दूसरा रूप भी माना जाता है।
हम सभी ने अनेकों ऐसे एग्जांपल देखा है सुना होगा जहां मां खुद की परवाह ना करते हुए भी अपने बच्चों को सुरक्षित रखती है बच्चा पैदा होने से लेकर जवान होने तक सिर्फ और सिर्फ अपनी मां की आंचल की छांव में जीवन व्यतीत करता है एक मां जो भगवान से हमेशा प्रार्थना करती है कि उसके बच्चे हमेशा खुद खुश रहें बड़ी से बड़ी ऊंचाइयों को प्राप्त करें और जीवन में एक सफल सुखी इंसान बने।
मेरी माँ पर निबंध 500 शब्दों मे (Maa Essay in 500 Words) -
प्रस्तावना -
मां एक ऐसा शब्द है जिसकी व्याख्या करना एक बहुत ही कठिन काम सारी दुनिया में केवल मां ही होती है जो अपने बच्चों का खुद से भी ज्यादा ख्याल रखते हैं उनकी परवरिश में कोई कमी ना हो और उन्हें हमेशा खुश रखना ही मां का पहला काम बन जाता है। मां ही होती है, जो अपने बच्चों के अच्छे और बुरे दोनों समय पर साथ होती है।
मेरी मां मेरे लिए क्या क्या करती है-
दुनिया में पशु पक्षी या फिर इंसान इन सभी में ममता का भाव एक ही होता है। अगर इंसानों की बात करे तो कहा जाता है कि एक महिला बच्चे को जन्म देते समय लगभग बीस हड्डियां टूटने जितना दर्द सहन करती है जिसे दर्द नापने की इकाई में लगभग 57 डेल माना जाता है।
जन्म देने के बाद भी माता का कर्तव्य खत्म नहीं होता, उल्टा मां अपने बच्चे को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग बना लेती है।
पैदा होने से लेकर मुंह से पहला शब्द बोलने का मां बिना कुछ बोले ही अपने बच्चे की भावनाएं समझ लेती है भूख लगने पर उन्हें दूध पिलाती है। नींद आने पर सुलाती है, और जैसे-जैसे समय बीतता जाता है मां ही हमारी परवरिश का अहम हिस्सा बन जाती है। सामाजिक परिवेश और एक नई दुनिया में ढलना सिखाती है। यहां तक कि बच्चे के मुंह से निकलने वाला पहला शब्द भी मां ही होता है।
बच्चा बड़ा होकर कितना भी महान क्यों ना बन जाए लेकिन मुसीबत आने पर भगवान से पहले मुंह से मां ही निकलता है। ऐसे अनिको काम है जो मां अपने बच्चो के लिए बिना किसी लालच के करती है। और मुझे लगता है यही मेरी मां के लिए एक बेहतरीन परिभाषा है।
मेरी मां जीवन का प्रेरणा स्त्रोत -
मां जीवन हर कदम पर अपने बच्चों को सहारा देती है, अपनी हर एक संतान को बराबर मातृत्व का एहसास दिलाती है। अपनी संतान के हर छोटे-बड़े कष्ट में भागीदार बनती है असफलता की स्थिति में हमारे मन में सकारात्मकता का भाव जगाती है।
बचपन से ही मां अपने बच्चों का प्रेरणा स्रोत होती है फिर चाहे बच्चा चलते हुए जब गिर कर रोने लगे या फिर जिंदगी की बड़ी से बड़ी कठिनाइयों में एक माही है जो अपने बच्चों को निस्वार्थ भाव से सही रास्ता दिखाती है और खुद प्रेरणा स्रोत बंद कर अपने बच्चों को इस जिंदगी की सफलताओं की ऊंचाई तक पहुंचाती है।
उपसंहार -
मदर, मां, माता ऐसे कई नामों से हम हमें जन्म देने वाली मां को पुकारते है। हर एक भाषा में अलग शब्द होता है। परंतु माता का प्रेमभाव कभी नहीं बदलता संतान के प्रति हृदय प्रेम लगाव और त्याग की भावना एक मां में सदैव होती है।
वक्त के साथ बड़े होने पर संतान माता को मां को निराश करते हैं, तरक्की मिलने पर मां को भूल जाते हैं। लेकिन एक मां कभी अपने बेटे को नहीं भूलती और ना ही उनके प्रति मां का प्यार कभी कम होता है, इसीलिए कहा जाता है कि- दुनिया में सबसे कीमती एक मां का प्यार है।
Maa par nibandh (750 Words) / माँ पर निबंध 750 शब्दों मे -
प्रस्तावना -
एक महिला जब मां बनने वाली होती है तब से लेकर आने वाले पूरे 9 month तक वह अपने बच्चे को अपने Body में जगह देती है अपने खाने-पीने में से अपने बच्चे को Diet पहुंचाती है खुद हजारों कष्टों का सामना करके अपने जिंदगी का risk लेकर एक नई Life का निर्माण करती है।
हमारी ज़िन्दगी में मां का महत्व -
मां का life में उतनी ही importance है जितना सांस लेने के लिए oxision, अगर हमें पैदा करने वाली Maa ही ना हो तो इस जीवन की शुरुआत (start) ही कैसे हो सकती है।
एक फीमेल बचपन से बड़े होने पर अपनी लाइफ में कई अलग-अलग रिश्तो को निभाती है। जिनमें हर एक का महत्व अलग होता है वह एक बेटी,बहन, बहू, बीवी और अंत में सबसे important role और relation होता है जो कि है एक मां का।
मदर्स डे कब मनाया जाता है -
दुनिया के हर कोने में फीमेल को बहुत ही प्यार, रिस्पेक्ट दी जाती है, ठीक इसी तरह मां के सम्मान में भी may month के दूसरे Sunday को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
एक मां का स्थान तो हमेशा पूजनीय होता है लेकिन फिर भी इस खास दिन पर उन्हें उनके त्याग और समर्पण के लिए thank you बोला जाता है, उन्हें gifts भी दिए जाते है। इस दिन हर बच्चा अपनी मां को स्पैशल महसूस करवाने की कोशिश करता है।
मां का साथ जीवन में अनमोल होता है -
मां अपने बच्चे का लालन-पालन करने से लेकर उसकी छोटी-छोटी सुविधाओं का भी ध्यान रखती है यह मां ही है जो हर बच्चे का first school होती है उसके द्वारा दी गई एजुकेशन जीवन भर हमारा मार्गदर्शन करती है। एक मां की और मां के प्यार की बराबरी कोई नहीं कर सकता।
मेरी मां की दिनचर्या -
मेरी मां एक बहुत ही सुलझे व्यवहार की महिला है। वे दो बच्चों की मां होने के साथ-साथ एक वर्किंग वुमन भी हैं उन्होंने अपनी लाइफ को बहुत ही अच्छी तरह मैनेज किया हुआ है मेरी मां सुबह 5:00 बजे उठ कर जल्दी नहा कर सबसे पहले घर के जरूरी काम (House hold work) करती है। उसके बाद नहा कर भगवान की पूजा करके सुबह मुझे मेरी बहन और मेरे पिता जी को जगाती है, जिससे मेरे पिता सही समय पर अपने office और हम दोनों भाई-बहन सही समय पर स्कूल जा सके।
फिर हम सभी एक साथ break fast करते है उसके बाद मां हमें school Bus तक छोड़ने भी आती है और फिर वापस जा कर खुद ready हो कर office जाती है।
इतनी भाग दौड़ वाली लाइफ में भी मां शाम को office से वापस आने के बाद हमें home work
में मदद करती है। और हर रात सोने से पहले अच्छी-अच्छी कहानियां सुना कर हमें अच्छी बाते सिखाती है।
मदर्स डे का इतिहास -
भारत/India -
India में mother's day को कस्तूरबा गांधी (kasturba Gandhi) कि याद व रिस्पेक्ट में बनाए जाने की परंपरा है।
युरोप/ब्रिटेन-
माताओं के सम्मान में दुनिया के कई develop contrys भी एक खास दिन cylibrate करते थे जिसे मदरिंग सन्डे के नाम से जाना जाता था।
मदरिगं सन्डे लितुर्गिकल कैलेंडर का हिस्सा है।यह दिन माताओं के लिए समर्पित है।
उनके त्याग और समर्पण के लिए माताओं को सम्मानित कर यह दिन सेलिब्रेट किया जाता था।
थाईलैंड (Thailand) -
Thailand में मदर्स डे को वहां की रानी के जन्म दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता था।
जापान/japan -
जापान में मदर्स डे सम्राट अकिहितो की मां के जन्म दिन के रूप में शोवा अवधि के दौरान मनाया जाता था। इस दिन कार्नेशन फ्लॉवर का बहुत महत्व था।
चीन/chaina -
चीन में भी माताओं के प्रति काफी ज्यादा लोकप्रिय था मदर्स डे यहां भी जापान कि तरह
कार्नेशन के फूल की मांग मदर्स डे के दिन बाद जाती है। 1997 के इस दिन को यहां गरीब व ग्रामीण महिलाओं की मदद के लिए सेलिब्रेट किया जाने लगा।
उपसंहार -
इन सभी बातों से एक बात तो साफ समझ आती है कि भले ही देश अलग है, सीमाएं व लैंग्वेज भी अलग है मदर्स डे को मानने की प्रेरणा स्त्रोत भी अलग है लेकिन स्त्रीत्व और मातृत्व को सम्मान तो हर जगह दिया जाता है।
एक मां ही है जो हर बुरी बात से अपने बच्चों को बचा कर रखती है अनपर आने वाली मुसीबत भी खुद पर ले लेती है। मां के बिना हमारा जीवन अधूरा है हमारा मार्गदर्शन अधूरा है। इसलिए जन्म देने वाली माता को कभी दुख नहीं पहुंचाना चाहिए और हमेशा खुश रखने की कोशिश करना चाहिए धरती पर माता ईश्वर का ही दूसरा रूप होती है।
मां पर निबंध 10 लाइन / Maa par 10 lines -
- मेरी मां एक बहुत अच्छी हाउस वाइफ और एक सफल working women भी है।
- खाना पकाने में भी उनका कोई मुकाबला नहीं है।
- वह मेरे पहली गुरु है जिन्होंने मुझे उंगली पकड़ कर चलना सिखाया है।
- मां परिवार में सभी का बहुत अच्छी तरह ध्यान रखती है।
- एक working women होने के साथ ही वे काफी धार्मिक प्रवत्ति की महिला है।
- मेरी मां मुझे हमेशा एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा देती है।
- वह मेरी मां, गुरु होने के साथ साथ एक अच्छी मित्र का किरदार भी अच्छी तरह से निभा रही है।
- उन्होंने हमेशा मुझे सच-झूठ और अच्छे-बुरे में फर्क करना सिखाया है।
- वे सारा दिन घर और ऑफिस के काम के बाद भी मुझे और मेरे छोटे भाई के साथ समय बिताती है, हमने पूरे दिन क्या-क्या किया ये भी पूछती है।
- मेरे जीवन में मां का स्थान कोई नहीं ले सकता भगवान और उनमें कोई फर्क नहीं है शायद इसलिए कहा जाता है कि- मां के चरणों में स्वर्ग होता है।
FAQ -
Q1. मदर्स डे कब मनाया जाता है?
Ans- मई महीने के 2nd Sunday.
Q2. भारत में मदर्स डे किसकी याद में मनाया
जाता है।
Ans- कस्तूरबा गांधी।
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Essay